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न्यूज क्लिपिंग्स् | उत्तर प्रदेश में चुनाव दर चुनाव घट रहे हैं प्रत्याशी, ईवीएम की जरूरत भी कम हुई

उत्तर प्रदेश में चुनाव दर चुनाव घट रहे हैं प्रत्याशी, ईवीएम की जरूरत भी कम हुई

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published Published on Feb 24, 2022   modified Modified on Mar 4, 2022

-रूरल वॉइस,

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का आधा से ज्यादा बीत चुका है। यहां कुल सात चरणों में मतदान होने हैं और चार चरण पूरे हो चुके हैं। हाल के चुनावों में एक अलग तरह का ट्रेंड देखने को मिला है। चुनाव दर चुनाव प्रत्याशियों की संख्या लगातार घट रही है।

चाहे उम्मीदवार किसी राजनीतिक दल के हों या निर्दलीय। प्रदेश में 2012 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे उनमें कुल 6839 उम्मीदवार मैदान में थे। 2017 के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या घटकर 4853 रह गई। और अब 2022 के चुनाव में 403 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4441 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यानी अगर 2012 और 2022 की तुलना की जाए तो 10 वर्षों में ही उम्मीदवारों की संख्या करीब 35 फीसदी घट गई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव पूर्व गठबंधन इसका एक प्रमुख कारण है। बड़ी राजनीतिक पार्टियां छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रही हैं ताकि वोटों का बंटवारा रोका जा सके। मौजूदा चुनाव में भी यह देखा जा सकता है। एक तरफ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपना दल समेत कई छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है, तो दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भी 9 छोटे दलों के साथ हाथ मिलाया है।

पहले विरोधी पार्टी का वोट बांटने के लिए पार्टियां एक और चाल चलती थीं। वे विरोधी उम्मीदवार के मिलते जुलते नाम या उसी जाति के उम्मीदवार खड़े कर देती थीं। इससे एक तो वोट बंटते थे और दूसरे, मतदाताओं में भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जाती थी। लेकिन यह डमी उम्मीदवार खड़ा करने का ट्रेंड भी कम हुआ है। वर्ष 2002 में प्रदेश में जो चुनाव हुए थे उनमें 5533 प्रत्याशी मैदान में थे। 2007 में प्रत्याशियों की कुल संख्या 6086 थी।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


विरेंद्र सिंह रावत, https://www.ruralvoice.in/elections-2022/candidate-numbers-falling-in-successive-up-elections.html


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