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न्यूज क्लिपिंग्स् | काबुल ने बाइडन को भेड़ की खाल में छुपा भेड़ साबित किया, यूरोप, भारत और क्वाड उनके रुख से हैरत में है

काबुल ने बाइडन को भेड़ की खाल में छुपा भेड़ साबित किया, यूरोप, भारत और क्वाड उनके रुख से हैरत में है

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published Published on Aug 28, 2021   modified Modified on Aug 31, 2021

-द प्रिंट,

काबुल हवाई अड्डे पर करीब 100 लोगों की हत्या करने वाले बम धमाके के कुछ ही घंटे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान जारी किया कि ‘हम न माफ करेंगे और न भूलेंगे. हम तुम्हें खोज निकालेंगे और कीमत वसूल करेंगे.’ अंतिम सूचना तक धमाके में अमेरिका के 13 सैनिक भी मारे गए थे.

बाइडन ने अपना गुस्सा, संकल्प और आक्रामकता दिखाने की पूरी कोशिश की. लेकिन अफसोस कि खुद उनके लिए और उनके देश के लिए, उनकी छवि वैसी ही उभरी जैसे वे खुद हैं— भेड़ की खाल में भेड़. इस ध्रुविकृत समय में उनके निष्ठावान मतदाताओं की आंखों में अभी भी प्रेरणा से निकले आंसू मौजूद होंगे, लेकिन बाकी लोग या तो उन पर तरस खा रहे होंगे या हंस रहे होंगे. बाइडन जिन अफगानी-पाकिस्तानी जिहादी गुटों के खिलाफ गुस्सा कर रहे थे उन्हें इससे शायद ही कोई फर्क पड़ने वाला है.

बाइडन इस प्रकरण की तुलना 1975 के सैगोन प्रकरण से न ही करें तो बेहतर. वहां तो अमेरिका का मुक़ाबला बाकायदा एक सेना और वायुसेना से था, जिसे चीन सहित पूरे कम्युनिस्ट खेमे का समर्थन हासिल था और वह एक स्पष्ट नेतृत्व के अधीन थी. और उसे जनता का व्यापक समर्थन हासिल था.

लेकिन अफगानिस्तान में तो आपने एक अव्यवस्थित, हथियारबंद गिरोह के आगे बिना शर्त हथियार डाल दिए, जिसके पास न तो शासन तंत्र का कोई दिखावा था, न कोई अपनी जमीन थी और न कोई अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल था. आप शर्म से बचने के लिए बेशक यह कह सकते हैं कि आपने पाकिस्तानियों के आगे समर्पण किया. हां, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बेशक यह घोषणा की है कि यह एक आज़ादी है, कि अफगानों ने गुलामी की जंजीर तोड़ दी है.

लेकिन क्या यह किसी भी सिरे से आज़ादी जैसी चीज है? अगर अफगानों ने ऐसा माना होता तो वे घरों से बाहर निकलकर विजेता तालिबानियों को खुशी से गले लगा रहे होते. लेकिन वे तो हजारों की तादाद में काबुल हवाई अड्डे पर जमा हैं कि किसी तरह अपने मुल्क से बाहर निकल जाएं. माएं अपने बच्चों को कंटीले तार के पार उछाल रही हैं, कई परिवार नालों में छुपे बैठे हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. कई लोग तो बम धमाके के अगले दिन भी हवाई अड्डे तक बेखौफ पहुंच गए. बाइडन प्रशासन इसे चाहे जिस तरह से देखे, यह उसकी सबसे शर्मनाक हार है.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


शेखर गुप्ता, https://hindi.theprint.in/opinion/kabul-proves-biden-to-be-sheep-hide-in-sheep-skin-india-and-quad-are-surprised-by-his-stand/235910/


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