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न्यूज क्लिपिंग्स् | फ़सल कटाई पर लॉकडाउन! किसान भूख से मरे या करोना से!

फ़सल कटाई पर लॉकडाउन! किसान भूख से मरे या करोना से!

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published Published on Apr 1, 2020   modified Modified on Apr 1, 2020

-मीडियाविजिल, 

महोबा के गांव पराखेरा के अच्छेलाल ने हर साल की तरह इस बार भी अपने खेत में गेहूं और मसूर की फसल बोई थी. इस बार फसल अच्छी होने से उम्मीद थी कि मुनाफा ज्यादा होगा. अब हालात ये हैं कि साल भर की जरूरत का अनाज भी मिल पाएगा, कहना मुश्किल है. वे बताते हैं कि आधे से ज्यादा फसलें बारिश की वजह से खराब हो गईं और बची-खुची को इस बंदी ने लील लिया! ज़्यादातर किसानों का यही हाल है।

बेमौसम बरसात और कोरोना की वजह से हुई बंदी ने देश भर के किसानों के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे कोरोना से बचाव करें या फिर अपनी फसलें काटें. कोरोना से बच गये तो साल भर खाएंगे क्या, इसकी चिंता सता रही है.दूसरी ओर, कोरोना से बचाव नहीं करते हैं, फिर तो सब लोभ-लाभ यहीं धरा रह जाएगा.

कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिये सरकार ने लॉक डाउन घोषित किया था. इसकी घोषणा ऐसे समय की गई जब पूरे देश में फसलों की कटाई का सीजन चल रहा था. ऐसे में किसान के लिये घर बैठना संभव नहीं था.

पराखेरा गांव के ही किसान सौरभ कहते हैं, “कोरोना की वजह से हुई बंदी ने बहुत नुकसान किया है. खेत में बोई जाने वाली फसल में हर चीज का एक तय समय होता है। इसमें दो-तीन दिन की देरी-जल्दी तो चल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि सिंचाई के समय कटाई और बुआई के समय सिंचाई हो. यह समय फसलों की कटाई का है. आज कटने वाली फसल को 10 दिन बाद काटेंगे, तो इससे कुछ नहीं मिलेगा, क्योंकि फसल के दाने खेत में गिर चुके होंगे.”

लॉक डाउन के समय में सरकार ने कुछ जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिये लॉक डाउन पास निर्गत किये हैं. कृषि कार्य के लिये किसान भी पास बनवाकर अपना काम कर सकते हैं। इस तरह राज्य सरकारों ने कुछ प्रावधानों के साथ किसानों को कृषि कार्य की छूट प्रदान की है. किसानों को दी गई छूट में कटाई के लिये कम से कम मजदूरों का प्रयोग और सोशल डिस्टेंस की ज़रूरी शर्तें लगाई गई हैं. ऐसी शर्तों के साथ किसानों को छूट देने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,पंजाब प्रमुख हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


अमन कुमार, http://www.mediavigil.com/news/lockdown-will-deepen-the-farmer-distress/


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