Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | कोविड-19 के समय में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली हल्दी 2021 में क्यों होने वाली है महंगी

कोविड-19 के समय में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली हल्दी 2021 में क्यों होने वाली है महंगी

Share this article Share this article
published Published on Mar 13, 2021   modified Modified on Mar 15, 2021

-द प्रिंट,

महामारी के वर्ष में हल्दी की खपत बढ़ गई क्योंकि देश भर के लोगों ने इसे कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए रामबाण माना.

केंद्र सरकार ने हल्के या बिना लक्षण वाले रोगियों में कोविड रोकथाम और उपचार के लिए हल्दी वाले दूध, काढ़ा और योग जैसे आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने की सलाह दी. और, 2019-20 से 2020-21 में कच्ची हल्दी की घरेलू मांग में 300 फीसदी का उछाल देखा गया.

खपत में इस वृद्धि- जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष से कम कैरीओवर स्टॉक देखा गया- के साथ दो प्रमुख हल्दी उत्पादक राज्यों में प्रतिकूल मौसम के कारण कम फसल उत्पादन की वजह से भारत भर के बाजारों में इसकी कीमतों में वृद्धि देखी गई.

खुदरा लिहाज से पिछले महीने की तुलना में साबुत हल्दी और हल्दी पाउडर दोनों के दाम बढ़े हैं. हल्दी पाउडर के दाम जहां 200-230 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 250-270 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, वहीं साबुत हल्दी के भाव 40-60 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 85-100 रुपये प्रति किलो हो गए हैं.

प्रमुख हल्दी उत्पादक क्षेत्र सांगली के थोक मंडी में 8 मार्च को सबसे अच्छी क्वालिटी की हल्दी के दाम 235 रुपये प्रति किलो को पार कर गए थे, जो महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एमएसएएमबी) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इसी दिन 138 रुपये प्रति किलो की कीमत से करीब 70 फीसदी अधिक है.

एमएसएएमबी के आंकड़ों से पता चला है कि सांगली कृषि उपज बाजार समिति में मसाले की औसत कीमतें भी इसी अवधि में 99 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 156 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं.

यह वृद्धि थोक बाजार में कम आवक के कारण भी हुई है, सांगली एपीएमसी में दैनिक आंकड़ा 1 मार्च को 48,531 क्विंटल से गिरकर- जब वस्तुओं की कीमत 210 रुपये प्रति किलोग्राम थीं- 8 मार्च को 31,230 क्विंटल हो गई थीं- जब कीमतें 235 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गईं.

इसके अलावा नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज पर हल्दी वायदा बाजार 3 मार्च को पांच साल के उच्च स्तर 9,336 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया.

तेलंगाना के निजामाबाद में मसाला व्यापारी विनोद नगला ने कहा, हल्दी की फसल के अच्छे मौसम और निजामाबाद मंडी में नई

फसल की आवक के बावजूद ग्रेड-ए हल्दी के भाव पिछले साल की तुलना में करीब 20-25 फीसदी ज्यादा हैं. निजामाबाद में प्रतिदिन की आवक लगभग 25,000 बैग प्रतिदिन है जो कि पिछले साल 35,000 बैग प्रतिदिन था.

उन्होंने आगे कहा, ‘बल्ब के किस्म वाली हल्दी 8 मार्च को 6,250 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर बेची जा रही थी, जो कि 1 मार्च को 5850 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा है. जबकि पिछले हफ्ते 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले फिंगर वैरायटी 6,550 रुपये प्रति क्विंटल बेची जा रही थी.’

प्रतिकूल मौसम के मुद्दे

सांगली में एंकिलकर पाटिल ट्रेडिंग कंपनी के प्रमोद पाटिल जो कि मुख्य रूप से हल्दी, किशमिश और गुड़ जैसी वस्तुओं में व्यापार करते हैं, ने कहा कि हल्दी की कीमतें बढ़ने के पीछे का कारण महाराष्ट्र और तेलंगाना के दो प्रमुख हल्दी उत्पादक क्षेत्रों में भारी वर्षा होना है.

पाटिल ने कहा, ‘प्रतिकूल मौसम के अलावा पिछले साल से कम कैरी ओवर स्टॉक के कारण हल्दी की कीमतें भी ऊंची चल रही हैं क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद 2020 में घरेलू खपत और निर्यात दोनों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई.

उन्होंने कहा, ‘हल्दी के औषधीय गुणों के कारण अनलॉक की शुरुआत होने के बाद उसकी भारी मांग थी. उन्होंने कहा, इसी तरह, जैसे ही माल यातायात दुनिया भर में शुरू हुआ वैसे ही कड़े लॉकडाउन के कारण घटते स्टॉक की भरपाई करने के लिए हल्दी का निर्यात भी विदेशों में बढ़ा.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और तेलंगाना में भी 2020 के अंत में भारी वर्षा हुई, जिसकी वजह से बल्ब किस्म की हल्दी का उसके अंतिम चरणों में विकास बाधित हुआ.

उन्होंने कहा कि इस खराब मौसम के कारण फसल को नुकसान हुआ जिससे मंडी में इसकी आवक कम हो गई. इसकी वजह से भी कीमतों में इजाफा हुआ है.

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, तेलंगाना और महाराष्ट्र भारत के 8,89,000 टन हल्दी उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक योगदान देते हैं. तेलंगाना में 2,94,560 टन हल्दी का उत्पादन होता है जबकि महाराष्ट्र में 1,90,090 टन उत्पादन होता है.

कृषि मंत्रालय द्वारा बागवानी फसलों के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, हल्दी उत्पादन 2019-20 में 11,53,000 टन से घटकर वर्ष 2020-21 में 11,06,000 टन होने का अनुमान है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय मसाला बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘पिछले साल तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी जल भराव के कारण हल्दी के उत्पादन में 10-15 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है, क्योंकि इससे बल्ब वरायटी की हल्दी की फसल ठीक से नहीं हो पाई है.

पूरी रपट पढ़ने के  लिए यहां क्लिक करें.


सम्यक पांडे, https://hindi.theprint.in/india/economy/prices-of-turmeric-in-2021-is-about-to-increase-due-to-various-reasons/205775/


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close