Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए कैच द रेन अभियान, संग्रहित होगी बारिश की हर बूंद

रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए कैच द रेन अभियान, संग्रहित होगी बारिश की हर बूंद

Share this article Share this article
published Published on Aug 21, 2020   modified Modified on Aug 22, 2020

-वाटर पोर्टल,

राष्ट्रीय जल मिशन ने मानसून से पहले वर्षा जल संग्रहण के ढांचों को तैयार करने हेतु राज्यों और हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए पैन इंडिया के आधार पर ‘‘कैच द रेन’’ अभियान शुरू किया था। फरवरी 2020 को ‘कैच द रेन, जहां वह गिरती है, जब वह गिरती है’’ टैगलाइन के साथ शुरू किए गए इस अभियान के अंतर्गत चेकडैम, वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स, रूफटाॅप बनाने के साथ-साथ चैकडैम, तालाब, बांध में पानी का अधिक से अधिक भंडारण हो, इसके लिए वहां अतिक्रमण हटाने का भी अभियान चलाया जाएगा। साथ ही कुओं की मरम्मत और खराब बोरवेल तथा अप्रयुक्त कुओं को भी उपयोग में लाया जाएगा। ये सभी कार्य भूजल को रिचार्ज करने के उद्देश्य से किए जाएंगे। 

अभियान का उद्देश्य लोगों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से गतिविधियों को समय पर पूरा करना है। गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए, राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रत्येक जिले में - कलेक्ट्रेट/नगर पालिकाओं या ग्राम पंचायतों के कार्यालयों में ‘रेन सेंटर्स’ खोलें।

इस अवधि के दौरान इन ‘रेन सेंटर्स’ के पास एक समर्पित मोबाइल फोन नंबर होगा और इसे इंजीनियर या आरडब्ल्यूएचएस (रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) में प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा उपयोग किया जाएगा। जहां और जब बारिश का पानी गिरता है, उसे कैसे पकड़ा जाए, ये बताने के लिए केंद्र जिले में सभी के लिए एक तकनीकी मार्गदर्शन केंद्र के रूप में कार्य करता है।

अभियान के अंतर्गत ये सुनिश्चित करने के भी प्रयास किए गए हैं कि जिले की सभी इमारतों में आरडब्ल्यूएचएस (रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) हो और छतों पर गिरने वाला बारिश का अधिकांश पानी इनमें एकत्रित हो। इसका बुनियादी उद्देश्य बारिश के पानी को केवल सीमित मात्रा में ही परिसर से बाहर निकलने देना है। ऐसे में अधिक पानी एकत्रित होने पर इससे मिट्टी में नमी बढ़ेगी और भूजल स्तर पर भी बढ़ेगा। ये शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर पानी के जमाव को कम करेगा और शहरों में बाढ़ को रोकेगा। 

कैच द रेन अभियान के अंतर्गत जिलों के सभी जल निकायों की गणना की जानी है (राजस्व रिकाॅर्ड के साथ) और अतिक्रमण हटाए जाने हैं। सभी जिला कलेक्टरों, भारतीय संस्थान प्रबंधन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, रेलवे, हवाई अड्डा प्राधिकरण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आदि जैसे संस्थानों के पास भूमि के बड़े भूखंड हैं, उनसे कैच द रेन को अपनाने का अनुरोध किया गया है। यानी ये संस्थान भी बारिश के पानी को संरक्षित करने के उपाय करें।

जल संरक्षण गतिविधियों को शुरू करने के लिए उद्योगों व काॅर्पोरेट जैसे विभिन्न हितधारकों की सक्रिय भागदारी की भी जरूरत है, क्योंकि उद्योग आदि न केवल बड़े पैमाने पर पानी का दोहन करते हैं, बल्कि इनके पास जल संरक्षण के लिए उचित स्थान भी होता है और ये सीएसआर के माध्यम से कार्य भी कर सकते हैं। ऐसे में अभियान में इनकी सक्रिय भागीदारी के लिए राष्ट्रीय जल मिशन ने अभियान को आगे बढ़ाने हेतु फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री (एफआईसीसीआई) के साथ सहभागिता की है। एफआईसीसीआई में एक जल विभाग है, जो लंबे समय से जल क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और पानी के भंडारण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय जल मिशन के साथ जुड़ा हुआ है। एफआईसीसीआई का उद्देश्य जल संचयन और जल संरक्षण उपायों के बारे में अलग-अलग काॅर्पोरेट अनुभव लाना है, ताकि इन्हें अन्यों के साथ साझा किया जाए और वें देखें कि इनमें से किस अच्छे प्रयास को वे कैसे लागू कर सकते हैं। 

जल पर चर्चा

एफआईसीसीआई के सहयोग से राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा जुलाई 2020 में चार वेबिनार आयोजित किए गए थे। कैच द रेन अभियान की प्रस्तावना के साथ वेबिनार की श्रृंखला की शुरुआत की गई थी, जिसमें जल संरक्षण के लिए ‘बुनियादी ढांचा तैयार करने और जागरुकता पैदा करने’ के बारे में भी बताया गया था। दूसरा ‘वेबिनार भूजल पुनर्भरण और जलभृत प्रबंधन’ तथा तीसरा वेबिनार ‘जल संरक्षण के 3 आर - रिड्यूज़, रियूज़ और रिसाइकल’ विषय पर आधारित था। चौथा बेबिनार ‘कृषि क्षेत्र में पानी की बढ़ती दक्षता’ पर आधारित था, जिसका विषय/थीम ‘सही फसल’ था। 
वेबिनार में वक्ताओं और पैनलिस्टों में एफआईसीसीआई जल मिशन की चेयरमेन नैना लाल किदवई, हेड सीएसआर एंड सस्टेनेबिलिटी संगीता ठकराल, बायोम एनवायरनमेंटल ट्रस्ट के सलाहकार एस विश्वनाथ, प्रो ए.के. गोसाईं, आईआईटी दिल्ली के प्रो. एके गोसाईं आदि शामिल थे। 

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


काजी वामिक अली, https://hindi.indiawaterportal.org/content/rainwater-harvesting-ke-liye-catch-the-rain-abhiyan/content-type-page/1319335906


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close