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न्यूज क्लिपिंग्स् | कोविड-19 महामारी को फैलाने में धार्मिक आयोजनों और यात्राओं की खतरनाक़ भूमिका

कोविड-19 महामारी को फैलाने में धार्मिक आयोजनों और यात्राओं की खतरनाक़ भूमिका

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published Published on Apr 2, 2020   modified Modified on Apr 2, 2020

-मीडियाविजिल,

कोविड-19 बीमारी को विश्व भर में फैलाकर महामारी बनाने में धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं की ख़तरनाक भूमिका दिखाई देती है। इसकी एक वजह ये है कि दूसरे आयोजन और समारोह में वर्गीय चरित्र ज्यों का त्यों (वर्गभेद) बने रहने के चलते वर्गीय दूरी बनी रहती है। जबकि धार्मिक आयोजनों में वर्ग भेद टूट जाता है। धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं में हर तरह के सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोग एकजुट होते हैं। इस बात में तो अब रत्ती भर भी संदेह नहीं है कोविड-19 महामारी एक देश से दूसरे देश हवाई यात्रा करने में सक्षम जमात द्वारा ही ले जाया गया है। 

चर्चों ने साउथ कोरिया में कोविड-19 संक्रमण फैलाया

दक्षिण कोरिया में संक्रमण के बिल्कुल शुरुआती समय में दो अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक आयोजन हुए और उन दो धार्मिक आयोजनों के बाद संक्रमण के दो बड़े सामूहिक मामले सामने आए। दक्षिण कोरिया में धर्म कईयों के जीवन के केंद्र में है। चीन के बाद साउथ कोरिया ही कोविड-19 महामारी के चपेट में आया। जहां अब तक 9,887 से अधिक मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 165 लोगों की मौत हो चुकी है।

संक्रमण के अधिकांश मामले रहस्यमई शिन्चेऑन्जी चर्च से जुड़ा हुआ है। कोरिया की ‘सेंटर फॉर डिसीज ज्रिवेंन्शन एंड प्रिवेंशन’ रिपोर्ट के मुताबिक कुल पुष्ट केसों में से 63.5 प्रतिशत शिन्चेऑन्जी चर्च से जुड़ा हुआ है।

कोविड-19 प्रकोप के केंद्र (Daegu) शहर 25 लाख आबादी वाला शहर है जहाँ शिन्चेऑन्जी चर्च स्थित है। यहां के 73 प्रतिशत कोविड-19 पोजीटिव केस शिन्चेऑन्जी चर्च से जुड़े मिले हैं।

चर्च से जुड़े 1,96,000 लोगों का कोविड-19 टेस्ट करवाया गया। अधिकारियों ने संक्रमण को ट्रेस करते हुए दक्षिणी शहर बुसान स्थित एक चर्च से जोड़ा और वहाँ के लोगो को भी क्वारंटाइन में रखा गया। संभवतः चर्च के लोगो ने पहले एक दूसरे को संक्रमित किया फिर उन्होंने यात्राएं करके दूसरों को संक्रमित किया।

जबकि एक दक्षिणी शहर बुसान के एक कैथोलिक चर्च द्वारा 8-15 फरवरी के बीच तीर्थ यात्रियों के एक समूह को इजरायल के येरूशलम की तीर्थयात्रा पर ले जाया गयाथा। इजरायल से लौटे इन तीर्थयात्रियों में से 18 को इस कोविड-19 संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

इसके अलावा राजधानी सियोल के म्येओंगसेओंग  चर्च में भी कई लोगो में कोविड-19 संक्रमित पाया गया। इस चर्च केकरीब 80,000 अनुयायी हैं।

दक्षिण कोरिया के सेओंगनाम में भी एक चर्च के भवन और आस पास के इमारतों से दर्जनों लोगों की कोरोनरी वायरस होने की पुष्टि हुई।

कोरिया में कोविड -19 के प्रसार में संगठित धर्म ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। बता दें कि कोरिया के 50 मिलियन लोगों में से लगभग 27-30% लोग ईसाई समुदाय के हैं। चर्च कोरिया में राजनीतिक रूप से भी सक्रिय है और सरकारी नीति पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालता है। कोरियाई इंजीलिकल का प्रभाव विदेशों में भी दृढ़ता से महसूस किया जाता है। शिन्चेऑन्जी चर्च देश विदेशों में मिशनरियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या भेजता है।

पाकिस्तान में ईरान और सउदी अरब की यात्रा पर गए लोग लेकर आए कोविड-19

फरवरी के आखिर में ईरान से तीर्थयात्रा करके पाकिस्तान लौटे लोगों में से बड़ी संख्या में लोगो में कोविड-19 टेस्ट में पोजीटिव पाया गया। बावजूद इसके 10 से 15 मार्च तक लाहौर में एक धार्मिक आयोजन में जुटने की अनुमति दे दी, जिसमें 80 देशों के हजारों लोगो ने हिस्सा लिया था। लाहौर के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेकर वापिस लौटे गाजा पट्टी में कोविड-19 संक्रमण के दो मामले दर्ज हुए जहां दोनों फलस्तीनी नागरिक हाल ही में इस कार्यक्रम में भाग लेकर लौटे थे। कोविड-19 संक्रमण के फैलने की आशंका के कारण 12 मार्च को सभा को आखिरकार बंद कर दिया गया। लोगों को इस मामले के बारे में जानकारी के अनुसार, अधिकांश लोग पाकिस्तानी थे, लेकिन दूसरे देशों से कम से कम हजार लोग आए थे। पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध के चार लोग जो इस सभा में शामिल हुए थे, कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

लाहौर हुए धार्मिक आयोजन में शामिल हुए दक्षिणी प्रांत सिंध में 274 में से अब तक 140 लोग संक्रमित हैं। खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी-पश्चिमी प्रांत में परीक्षण किए गए 19 लोगों में से 15 को कोविड-19 बीमारी है। नतीजतन, पाकिस्तान में कोरोनोवायरस के मामलों में एकाएक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

इसके अलावा पाकिस्तान कोविड-19 से हुई पहली मौत एक 50 वर्षीय व्यक्ति की हुई जो इस महीने के शुरू में सऊदी अरब की धार्मिक यात्रा पूरी करके लौटा था।

पाकिस्तान में कोविड-19 संक्रमण के शनिवार तक 2104 मामले पाए गए हैं। इनमें से 26 लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक अधिकांश संक्रमित लोग ईरान से आए थे जहां अब तक कोरोना से 3,036 मौतें हो चुकी हैं।

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


सुशील मानव, https://www.mediavigil.com/op-ed/religious-gathering-helped-spread-coronnavirus-to-others/


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