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न्यूज क्लिपिंग्स् | अगर आपको जेएनयू फीस बढ़ोतरी पर छात्रों का विरोध समझ नहीं आ रहा, तो सुनीता की ये कहानी पढ़िए

अगर आपको जेएनयू फीस बढ़ोतरी पर छात्रों का विरोध समझ नहीं आ रहा, तो सुनीता की ये कहानी पढ़िए

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published Published on Nov 27, 2019   modified Modified on Nov 27, 2019
जेएनयू में फीस बढोतरी को लेकर हुए प्रतिरोध को आईए, सुनीता की कहानी के सहारे समझने की कोशिश करते हैं. पल भर को मान लें कि सुनीता एक आम भारतीय लड़की है. वह एक जिला मुख्यालय से लगते गांव में रहती है. सुनीता के पिता एक आम भारतीय किसान हैं जिनके पास तकरीबन तीन एकड़ की खेती-बाड़ी की जमीन है ( भारत में भू-जोतों का औसत आकार 2.8 एकड़ है). सुनीता की मां परिवार के पालन-पोषण के काम में लगी रहती हैं और घर में पाली गई भैंसों की भी देखभाल करती हैं. यह कुल पांच जन का परिवार (भारत में परिवार-जन का औसत 4.45 सदस्यों का है) है जिसमें सुनीता की दादी और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाला एक छोटा भाई भी शामिल है. सुनीता पढ़ाई-लिखाई में खूब तेज है और उसने अपने कॉलेज में बी.ए. की परीक्षा में शीर्ष मुकाम हासिल किया है. सुनीता ने अपने कॉलेज के जलसे में एक मैडम को देखा और उसी रोज से उसने तय कर लिया कि ‘मैडम’ ही की तरह उसे आईपीएस ऑफिसर बनना है. सुनीता अपने इस सपने को पूरा करने के लिए जेएनयू से एम.ए. करना चाहती है.


इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

योगेंद्र यादव 27 November, 2019 The Print https://hindi.theprint.in/opinion/time-to-understand-jnu-fee-hike-protest-by-students-read-this-story-of-sunita/100370/


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