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न्यूज क्लिपिंग्स् | अनाज क्यों नहीं उठा रही राज्य सरकार : हाईकोर्ट

अनाज क्यों नहीं उठा रही राज्य सरकार : हाईकोर्ट

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published Published on Nov 25, 2011   modified Modified on Nov 25, 2011
मुंबई. राज्य सरकार, केंद्र की ओर से भेजे गए अनाज को क्यों नहीं उठा रही है जबकि लोग भूखमरी से मर रहे हैं और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं? गुरुवार को बांबे हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछते हुए राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह व रोशन दलवी की खंडपीठ ने सरकार को अनाज अपूर्ति के बारे में एक तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया है। ताकि राज्य के अलग-अलग जिलों में किये जाने वाले अनाज के वितरण पर नजर रखी जा सके।

खंडपीठ ने सरकार से जानना चाहा है कि जब केंद्र ने राज्य के लिए 23 लाख मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया था तो राज्य सरकार ने उसमें से सिर्फ 19 लाख मीट्रिक टन अनाज क्यों उठाया है? सरकार ने अब तक चार लाख मीट्रिक टन अनाज क्यों नहीं उठाया है जबकि लोग भूख से मर रहे हैं।

खंडपीठ ने सरकार को इस संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। अनाज वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आ सके इसलिए खंडपीठ ने सरकार को एक वेबसाइट पर अनाज की उपलब्धता व वितरण का ब्यौरा देने को कहा है, ताकि लोगों को आसानी से पता चल सके। खंडपीठ ने सरकार को शीघ्रता से वेबसाइट बनाने की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रही वकील गायत्री सिंह ने खंडपीठ को बताया कि सरकार अनाज उपलब्धता का दावा तो करती है पर आदिवासी इलाकों में रहनेवाले लोगों तक अनाज नहीं पहुंच पाता। इस पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद खंडपीठ के समक्ष हाजिर खाद्य व नागरी आपूर्ति विभाग के संयुक्त सचिव उमाकांत दांगट ने कहा कि मजदूरों की हड़ताल होने के कारण बीच में अनाज की आपूर्ति बाधित हो गई थी जिसके कारण कई इलाकों में अनाज नहीं पहुंच पाया।

इस दौरान सरकारी वकील ज्योति पवार ने कहा कि सरकार अनाज आपूर्ति को लेकर काफी गंभीर है। इस संबंध में कई कारगार उपाय किये गए हैं जिसके चलते नाशिक व नंदुरबार इलाके के गांवों में सही समय पर अनाज पहुंच रहा है। सुनवाई के दौरान शाहपुर और मुरबाड के तहसीलदार मौजूद थे जिन्होंने दो महीने पहले हलफनामा दायर कर कहा था कि अनाज की अनुपलब्धता के कारण राशनिंग दुकानों में अनाज की आपूर्ति नहीं की गई है।

जबकि दांगट ने मंगलवार को हलफनामा दायर कर कहा था कि अनाज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। तहसीलदार व दांगट के बयान में विरोधाभास को देखते हुए खंडपीठ ने तीनों अधिकारियों को हाईकोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने यह आदेश श्रमिक संगठन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था। संगठन ने यह याचिका मुरबाड की राशनिंग दुकान में अनाज न वितरित किये जाने के विरोध में दायर की थी।

http://www.bhaskar.com/article/MH-high-court-seeks-explanation-why-do-not-the-government-grain-2591667.html


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