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न्यूज क्लिपिंग्स् | आधार बिल :राष्ट्रहित में साझा होंगी आपकी गोपनीय सूचना

आधार बिल :राष्ट्रहित में साझा होंगी आपकी गोपनीय सूचना

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published Published on Mar 17, 2016   modified Modified on Mar 17, 2016
नयी दिल्ली : संसद ने 'आधार' के जरिये कल्याण योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी. सरकार की ओर से धन विधयेक के रूप में रखे गये इस विधेयक में राज्यसभा ने पांच संशोधनों के साथ लोकसभा को लौटा दिया. बाद में लोकसभा ने इन संशोधनों को अस्वीकार कर दिया. इससे पहले लोकसभा आधार विधेयक 2016 को शुक्रवार को पारित कर चुकी थी. राज्यसभा में वित्त मंत्री जेटली ने इसे पेश किया.

राज्यसभा में विपक्ष ने इन संशोधनों में राष्ट्रीय सुरक्षा की जगह सार्वजनिक आपात स्थिति और सार्वजनिक सुरक्षा शब्दों को समाहित करने सहित मत विभाजन के जरिये पांच संशोधन विधेयक में समाहित कराये थे. इन संशोधन में आधार को स्वीकार करने की बाध्यता को भी हटा दिया गया था. इसमें यह भी समाहित किया गया था कि किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी साझा करने की जानकारी देने वाले पैनल में सीएजी, सीवीसी को भी शामिल किया जाये.

धन विधेयक के रूप में क्यों

* इस विधयेक को धन विधेयक के रूप में लाने का कारण बताते हुए जेटली ने कहा कि इसका मकसद सब्सिडी के जरिये सरकार की ओर से प्रदत्त राशि को उसके सही हकदारों तक पहुंचाना है.

* वहीं सरकार यदि इसे धन विधेयक के रूप में नहीं लायी होती तब राज्यसभा की ओर से नामंजूूर किये जाने पर वह इसे आगे नहीं बढ़ा पाती.

धन विधेयक

यदि कोई विधेयक धनसंबंधी के रूप में लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है, तो राज्यसभा उस पर केवल चर्चा कर सकती है, उसमें संशोधन नहीं. इसके अलावा रास को 14 दिन के भीतर चर्चा कर लेनी होती है, वरना उसे 'पारित मान' लिया जाता है.

सरकार- विपक्ष के बीच तकरार

यूपीए सरकार ने की थी अच्छी पहल: राज्यसभा में चर्चा के दौरान जेटली ने जयराम रमेश पर आरोप लगाया कि वह ऐसे विधेयक की राह में व्यवधान डाल रहे हैं, जो मूल रूप से यूपीए सरकार की परिकल्पना था.

कोर्ट में है तो क्या संसद में बहस नहीं करें : वित्त मंत्री ने सीताराम येचुरी के उस एतराज को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन. जेटली ने कहा कि कोर्ट में किसी फैसले के विचाराधीन होने का मतलब यह नहीं है कि संसद उस पर कानून बनाने का अपना हक खो दें.


http://www.prabhatkhabar.com/news/big-story/aadhar-bill-passed-in-parliament-rajya-sabha-lok-sabha/740465.html


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