Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | आरटीई बोझ को छात्रों पर नहीं लादा जाएगा : सिब्बल

आरटीई बोझ को छात्रों पर नहीं लादा जाएगा : सिब्बल

Share this article Share this article
published Published on Apr 16, 2012   modified Modified on Apr 16, 2012

नई दिल्ली : शिक्षा के अधिकार अधिनियम की संवैधानिक वैधता को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के साथ ही सरकार ने आज इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि इसे लागू करने के लिए निजी स्कूलों को जो बोझ उठाना पडेगा उसे छात्रों पर डाल दिया जाएगा.

आरटीई अधिनियम के तहत स्कूलों को आर्थिक रुप से पिछडे 25 प्रतिशत तक के छह वर्ष से 14 वर्ष तक की उम्र के छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देनी होगी.

सीएनएन..आईबीएन पर करण थापर के कार्यक्रम डेविल्स एडवोकेट में सिब्बल ने कहा, मैं नहीं मानता कि ऐसा होगा. मेरा मानना है कि संसाधन जुटाने के तरीके और माध्यम होंगे.

उनसे पूछा गया था कि क्या 25 फीसदी छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देने का बोझ अन्य विद्यार्थियों पर डाला जाएगा. सिब्बल ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि आठवीं कक्षा के बाद जब अधिनियम के प्रावधान समाप्त हो जाते हैं तब भी समाज के कमजोर तबके के छात्रों को शिक्षा मिलती रहे.

अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक कक्षा एक से आठ तक के कमजोर तबके के छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराया जाना है. यह पूछने पर कि 25 फीसदी आरक्षण पर भार कौन उठाएगा तो उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को सरकार से किसी तरह का लाभ नहीं मिला है उसकी भरपाई सरकार करेगी.

सिब्बल ने कहा, .. हमने आकलन कर लिया है. बहरहाल उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में सरकार विद्यार्थियों को पोशाक और किताबें भी उपलब्ध कराएगी.

सिब्बल ने यह भी कहा कि अगर स्कूलों के पास ज्यादा संसाधन हैं तो वे खुद भी कोष जुटा सकते हैं और वे अपने कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत कारपोरेट घरानों से भी सहयोग ले सकते हैं.

यह पूछने पर कि आवासीय स्कूलों को अधिनियम के प्रावधानों से बाहर क्यों रखा गया है तो सिब्बल ने कहा, उनकी अलग प्रणाली होती है जहां कक्षाएं सामान्यत: छठी कक्षा के बाद ही शुरु होती हैं.

उन्होंने कहा, जब भी हमें लगेगा कि ऐसे स्कूलों को अधिनियम के तहत लाया जाना चाहिए तो हम इस बारे में सोचेंगे. समग्र समाज पर जोर देते हुए सिब्बल ने कहा, गरीब और धनी के बीच गहरी खाई है. हमें आगे बढ़ना चाहिए और हमारे पास समग्र समाज होना चाहिए जिसमें सभी की भागीदारी हो.

सिब्बल ने कहा कि आरटीई को लागू करने के लिए अगले पांच वर्षों में 2.31 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार के लिए संभव नहीं था और इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूलों के अलावे भी अन्य स्कूलों को इस दायरे में शामिल किया.

सिब्बल ने कहा कि निजी स्कूलों के 90 फीसदी बच्चे फीस का दस गुना तक चुका सकते हैं और जब वे कॉलेजों में जाते हैं तो सिर्फ 200 रुपये या 300 रुपये का भुगतान करते हैं.

बहरहाल सिब्बल ने कहा कि अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पडेगा. उन्होंने कहा, हम बेहतरीन प्रयास करेंगे. इसके लिए किसी पर बोझ नहीं डाला जाएगा.


http://www.prabhatkhabar.com/node/146472


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close