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न्यूज क्लिपिंग्स् | उपज कम देख 36 और किसानों की मौत

उपज कम देख 36 और किसानों की मौत

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published Published on Apr 23, 2015   modified Modified on Apr 23, 2015
लखनऊ। कुदरत की मार के बाद बर्बाद फसल के दर्द को झेल रहे किसान कम पैदावार और खराब गुणवत्ता को देखकर अपना धैर्य खो बैठ रहे हैं। बर्बादी का मंजर सदमा बनकर पूरी तरह से टूट चुके किसानों की जान ले रहा है तो कुछ आत्महत्या पर आमादा हैं। जिंदगी की कशमकश में फंसे बुधवार को 36 और किसानों की मौत हो गई।

शाहजहांपुर में फसल बर्बादी के गम में डूबे शिवदयाल ने फांसी लगा ली। उस पर एक लाख रुपये का कर्ज था। एक अन्य किसान अवधेश कुमार ने जहर खाकर जान दे दी। हाथरस के सिकंदराराऊ में उमेश चन्द्र फांसी पर झूल गया। बांदा में हीरालाल ने केन पुल से छलांग लगाकर जान दे दी। महोबा में कल्लू कुशवाहा ने जहर खाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। सीतापुर में फसल की बर्बादी देख हरिनाम शंकर मिश्रा ने कठिना नदी में कूदकर अपनी जान दे दी।

फीरोजाबाद में होरी लाल और गंधर्व सिंह की सदमे से मौत हो गई। मैनपुरी में खेत पर आलू सड़ने से दुखी राम भरोसे राठौर चल बसे। मथुरा में तेजपाल कम पैदावार देखने के बाद सदमा सहन नहीं कर पाए। हापुड़ में बाबू सैनी और सहारनपुर में लोकेंद्र की मौत हो गई। शाहजहांपुर में बसंत कुमार, रामौतार, कुंवर बहादुर ¨सह और बदायूं में हेम सिंह की सदमे से मौत हो गई। अलीगढ़ में सुरेश और हाथरस में श्रीपाल भी सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए।

कुशीनगर में मड़ाई कराने के दौरान अनाज नही निकलता देख परमहंस मूर्छित होकर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। हरदोई में श्रीकृष्ण व ईशवती, बांदा में शिवकरन की सदमे से मौत हो गई। कानपुर देहात सविता देवी तथा विजय नारायण पाल की सदमे से मौत हो गई। फैजाबाद में रामनाथ, हरदेव ¨सह और श्यामपती की भी मौत हो गई। बहराइच में गेहूं की कम फसल देख सत्यनारायण तिवारी की हृदय गति रुक गई। सुलतानपुर में गजाधर मिश्र व सदनू की मौत हो गई। प्रतापगढ़ जिले में मड़ाई के दौरान रामलखन को हार्ट अटैक पड़ गया। कम फसल देख राजाराम, बृज लाल मौर्य और देव नारायण ¨सह ने भी दम तोड़ दिया। इसी तरह मऊ में रामरूप राजभर और रामबचन प्रजापति की मृत्यु हो गई। रायबरेली में बाबूलाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। औरैया में झब्बूलाल और उरई में ब्रह्मा की सदमे से मौत हो गई।

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एक गांव में सभी का 35 प्रतिशत नुकसान

जासं फैजाबाद : महज एक सप्ताह का समय बीता है, जब रुदौली तहसील में ओलावृष्टि से प्रभावित 23 गांवों के सर्वे पर अंगुली उठी थी। वही गलती तहसील प्रशासन ने फिर दोहराई। बुधवार को सराय मंझन गांव में नोडल अधिकारी व प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्यम डॉ. सूर्यप्रताप ¨सह ने जब लेखपाल से सर्वे रिपोर्ट मांगी तो उसे देखते ही वह हतप्रभ रह गए। गांव के लगभग 200 से अधिक किसानों का महज 35 प्रतिशत नुकसान लेखपाल ने दर्शाया था। उन्होंने पूछा कि क्या सभी किसानों का बराबर नुकसान हुआ है, किसी का कम या ज्यादा नहीं। प्रमुख सचिव ने खुद माना कि सर्वे सही तरीके से नहीं किया गया। यहां पर लेखपाल व कानूनगो खेत नहीं गए हैं। अगर खेत में जाकर सर्वे किया जाता तो प्रत्येक किसान का 35 प्रतिशत नुकसान नहीं दर्शाया जाता।


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