Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | एनपीआर एनआरसी नहीं है फिर इसको लेकर इतनी आशंकायें क्यों हैं?

एनपीआर एनआरसी नहीं है फिर इसको लेकर इतनी आशंकायें क्यों हैं?

Share this article Share this article
published Published on Dec 31, 2019   modified Modified on Dec 31, 2019
पिछले दिनों देश भर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन हुए. कई राज्यों में ये प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गए और कई लोगों को इनमें जान गवानी पड़ी. इसके बाद प्रधानमंत्री ने दिल्ली में अपनी रैली में जोर देकर कहा कि उनकी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक कभी भी मंत्रिमंडल या संसद में एनआरसी पर विचार ही नहीं हुआ है. हालांकि, देश के गृह मंत्री अमित शाह संसद से लेकर चुनावी रैलियों तक में एनआरसी के आने की बात कहते रहे हैं. लेकिन, प्रधानमंत्री के बयान के बाद माना जा रहा था कि सरकार एनआरसी के विवादास्पद मुद्दे को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने जा रही है. लेकिन, जिस रविवार को प्रधानमंत्री ने एनआरसी पर कोई विचार न होने की बात कही उसी के अगले मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की कवायद को मंजूरी दे दी.

एनपीआर को मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि क्या सरकार एनआरसी की दिशा में बढ़ रही है? इस तरह की आशंकायें जताई जा रही हैं कि एनपीआर दरअसल एनआरसी की ओर पहला कदम है. हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह ने एनपीआर की मंजूरी के बाद अपने साक्षात्कार में कहा कि एनआरसी और एनपीआर दोनों अलग-अलग प्रक्रियायें हैं और दोनों का एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है. लेकिन, मोदी सरकार के संसद में दिए गए जवाब और कई अन्य सरकारी दस्तावेजों के आधार पर विपक्षी कह रहे हैं कि वह इस बारे में झूठ बोल रही है.

एनपीआर, एनआरसी क्या हैं? इन दोनों का कोई संबंध है भी या नहीं. सरकार अगर यह कह रही है कि एनपीआर और एनआरसी का कोई ताल्लुक नहीं है तो फिर लोग इसको लेकर इतने आशंकित क्यों हैं? इन सवालों पर जाने से पहले एनपीआर पर चर्चा कर लेते हैं.

सामान्य परिभाषा के मुताबिक, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर या एनपीआर देश के किसी भी इलाके में रह रहे लोगों का ब्यौरा दर्ज करने की कवायद है. एनपीआर बनाने के काम में लगाए गए कर्मचारी घर-घर जाते हैं और कुछ सवाल पूछकर वहां रह रहे लोगों का ब्यौरा दर्ज करते हैं. इसमें नागरिकता की कोई शर्त नहीं है. एनपीआर के तहत देश के नागरिकों के साथ उन विदेशी नागरिकों का भी ब्यौरा दर्ज किया जाता है जो एक ही जगह पर पिछले छह महीने से ज्यादा के वक़्त से रह रहे हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एनपीआर के मंजूरी देने के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा कि 2010 में कांग्रेस की सरकार यह काम कर चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यह एक अच्छा काम है और एनपीआर के आंकड़ों से सरकारी योजनाओं को बनाने और उनके क्रियान्वयन में आसानी होगी इसलिए हम इसे आगे बढ़ा रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि 2010 में यूपीए सरकार के वक़्त एनपीआर पर इस तरह का कोई विवाद क्यों नहीं खड़ा हुआ?

इसकी कई वजहें हैं. पहली वजह तो यह है कि उस समय राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी यानी नागरिकता रजिस्टर बनाने की कोई चर्चा नहीं थी. लेकिन, 2019 में एनपीआर का मुद्दा इतना सीधा नहीं है. मौजूदा भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि वह पूरे देश के लिए एनआरसी लायेगी. केंद्रीय मंत्री भले ही यह कह रहे हों कि फिलहाल एनआरसी लाने की सरकार की कोई मंशा नहीं है, लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में कह चुके हैं कि सरकार पूरे देश के लिए नागरिकता रजिस्टर बनाएगी. चूंकि, राष्ट्रपति का अभिभाषण केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ही पास किया जाता है, इसलिए यह नहीं माना जा सकता है कि सरकार में इस बारे में कभी चर्चा ही नहीं हुई.
 
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

अनुराग शुक्ला, सत्याग्रह https://satyagrah.scroll.in/article/133444/npr-ncr-modi-govt-controversy


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close