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न्यूज क्लिपिंग्स् | किसान आंदोलनः किसान संगठनों के भीतर क्या चल रहा है?

किसान आंदोलनः किसान संगठनों के भीतर क्या चल रहा है?

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published Published on Dec 8, 2020   modified Modified on Dec 11, 2020

-बीबीसी, 

सरकार के साथ पाँच दिसंबर को हुई बैठक में यूनियन नेताओं ने हाथ में 'हां या ना' की तख़्ती लेकर स्पष्ट कर दिया कि वो तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात पर मानने वाले नहीं हैं.

सरकार ने थोड़ा लचीलापन दिखाते हुए संशोधन की बात तो की है लेकिन क़ानून रद्द करने का कोई भरोसा नहीं दिया है.

मंगलवार को किसान संगठन भारत बंद करके अपनी ताक़त दिखाएंगे और फिर बुधवार को अगले दौर की वार्ता होगी. जिसमें सरकार ने ठोस प्रस्ताव लाने का वादा किया है.

इस सबके बीच पंजाब की तीस से अधिक किसान यूनियनों और देशभर के संगठनों के बीच भी बहुत कुछ चल रहा है.

किसान संगठन एकजुट रहकर अपनी माँग पर अड़े रहने पर ज़ोर दे रहे हैं. लेकिन सरकार बैक चैनल से बातचीत शुरू करना चाहती है.

किसान यूनियन के नेता रोज़ सुबह दस बजे सिंघू बार्डर पर मीटिंग करते हैं और उसके बाद शाम को रिव्यू मीटिंग होती है. इन बैठकों में ये सुनिश्चित किया जाता है कि कोई कम्यूनिकेशन गैप नेताओं के बीच ना रहे और सबको पता रहे कि क्या हो रहा है.

इस आंदोलन में पंजाब की 31 किसान यूनियनें शामिल हैं और देश के बाक़ी किसान संगठन भी समर्थन कर रहे हैं.

तीस किसान यूनियनों का एकजुट संगठन है, बाक़ी दो बड़ी यूनियनें भी आंदोलन में साथ हैं और केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठकों में हिस्सा लेती हैं.

ये पहली बार है जब पंजाब की सभी किसान यूनियन एक साथ आई हैं और आंदोलन कर रही हैं. जैसे-जैसे आंदोलन आगे बढ़ रहा है, यूनियनों की एकजुटता और भी मज़बूत हो रही है. यही वजह है कि किसान यूनयिन अब अपनी माँग पर अड़ गई हैं.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


खुशहाल लाली, दिलनवाज पाशा, https://www.bbc.com/hindi/india-55220647


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