Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | किसान आंदोलनः भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह जिन्होंने छेड़ा था पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन

किसान आंदोलनः भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह जिन्होंने छेड़ा था पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन

Share this article Share this article
published Published on Feb 24, 2021   modified Modified on Feb 24, 2021

-बीबीसी,

अपने लेख 'स्वाधीनता संग्राम में पंजाब का पहला उभार' में भगत सिंह ने लिखा है - जो युवक लोकमान्य के प्रति विशेष रूप से आकर्षित हुए थे, उनमें कुछ पंजाबी नौजवान भी थे. ऐसे ही दो पंजाबी जवान किशन सिंह और मेरे आदरणीय चाचा सरदार अजीत सिंह जी थे.

अजीत सिंह का जन्म 23 फरवरी 1881 को ज़िला जालंधर के खटकड़ कलां गाँव में हुआ, भगत सिंह के पिता किशन सिंह उनके बड़े भाई थे. छोटे भाई थे स्वर्ण सिंह जो 23 साल की ही उम्र में स्वाधीनता संग्राम के दौरान जेल में मिले तपेदिक रोग से गुज़र गए थे.

तीनों के पिता अर्जन सिंह उन दिनों आज़ादी संग्राम की वाहक कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे और तीनों भाई भी उसी से जुड़े.

तीनों भाइयों ने साईं दास एंग्लो संस्कृत स्कूल जालंधर से मैट्रिक की परीक्षा पास की और अजीत सिंह ने 1903-04 में बरेली कालेज से क़ानून की पढ़ाई की, 1903 में ही उनका विवाह कसूर के सूफी विचारों वाले धनपत राय की पोषित पुत्री हरनाम कौर से हुआ.

1906 में दादा भाई नैरोजी की अध्यक्षता में कलकत्ता कांग्रेस हुई जहाँ वे बाल गंगाधर तिलक से बेहद प्रभावित हुए और वहाँ से लौट कर दोनों भाइयों, किशन सिंह और अजीत सिंह, ने भारत माता सोसाइटी या अंजुमन-मुहब्बाने वतन की स्थापना की और अंग्रेज़ विरोधी किताबें छापने शुरू किए.

अंग्रेज़ सरकार लेकर आयी थी तीन क़ानून
1907 में अंग्रेज़ सरकार तीन किसान विरोधी क़ानून लेकर आयी, जिसके विरुद्ध पंजाब के किसानों में भयंकर रोष की भावना पैदा हुई.

अजीत सिंह ने आगे बढ़ कर किसानों को संगठित किया और पूरे पंजाब में सभाओं का सिलसिला शुरू हुआ, जिनमें पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेस नेता लाला लाजपत राय को बुलाया गया.

इन तीन क़ानूनों का जिक्र भगत सिंह ने अपने उपरोक्त लेख में किया है- नया कालोनी एक्ट, जिसके तहत किसानों की ज़मीन जब्त हो सकती थी, बढ़ा हुआ मालिया (राजस्व) और बारी दोआब नहर के पानी के बढ़े हुए दर. मार्च 1907 की लायलपुर की एक बड़ी सभा में झंग स्याल पत्रिका के संपादक लाला बाँके दयाल, जो पुलिस की नौकरी छोड़ आंदोलन में शामिल हो गए थे, ने एक मार्मिक कविता- पगड़ी संभाल जट्टा - पढ़ी, जिसमें किसानों के शोषण की व्यथा वर्णित है, जो इतनी लोकप्रिय हुई कि उस किसान प्रतिरोध का नाम ही कविता के नाम पर पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन पड गया, जिसका असर 113 साल बाद 2020-21 के किसान आंदोलन पर साफ़ देखा जा सकता है, जब किसानों को फिर अपनी ज़मीन छिनने का डर पैदा हुआ है.

21 अप्रैल 1907 में रावलपिंडी की ऐसी ही बड़ी मीटिंग में अजीत सिंह ने जो भाषण दिया, उसे अंग्रेज़ सरकार ने बहुत ही बाग़ी और देशद्रोही भाषण माना और आज की ही तरह उन पर दफ़ा 124-ए के तहत बाद में केस दर्ज किया. पंजाब भर में ऐसी 33 बैठकें हुई, जिनमें से 19 में अजीत सिंह ही मुख्य वक्ता थे.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


चमनलाल, https://www.bbc.com/hindi/india-56147093


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close