Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | कमजोर रुपया बढ़ा रहा विदेशी कर्ज का बोझ

कमजोर रुपया बढ़ा रहा विदेशी कर्ज का बोझ

Share this article Share this article
published Published on Jun 25, 2013   modified Modified on Jun 25, 2013
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट से देश की क्रेडिट प्रोफाइल बिगड़ने की आशंका पैदा हो गई है। साथ ही देश पर विदेशी कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। तेल कंपनियों की मांग और सोमवार को भी रुपया लुढ़कते हुए 59.83 तक जा पहुंचा। मगर बाद में बैंकों की ओर से डॉलर की बिक्री ने हालात सुधारे और एक डॉलर की कीमत 59.68 रुपये पर जाकर रुकी।

मई के पहले हफ्ते के बाद से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में करीब आठ फीसद की कमी आ चुकी है। अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय मुद्रा की कमजोरी पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि रुपये में यह गिरावट अर्थव्यवस्था के बुनियादी तौर पर कमजोर होने से आई है। कमजोर रुपया देश की कर्ज लेने की साख को बिगाड़ रहा है। हालांकि, अभी ऐसी स्थिति नहीं आई है जिससे रेटिंग एजेंसियों को भारत की रेटिंग की समीक्षा की आवश्यकता हो।

शेयर बाजार की गिरावट भी रुपये की कीमत को लगातार कमजोर कर रही है। महीने के अंत में तेल कंपनियों की तरफ से डॉलर की मांग ने अमेरिकी मुद्रा को मजबूत किया है। वहीं, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक [एफआइआइ] लगातार अपना निवेश भारतीय बाजारों से निकाल रहे हैं। जून में ही अब तक एफआइआइ घरेलू इक्विटी और कर्ज बाजार से पांच अरब डॉलर निकाल चुके हैं।

सोमवार को रिजर्व बैंक की सलाह पर सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों ने डॉलर बाजार में बेचे। इससे एक डॉलर की कीमत 59.83 रुपये से घटकर 59.68 रुपये तक आ गई। मैरिल लिंच का मानना है कि रुपये की कीमत को और गिरने से रोकने के लिए रिजर्व बैंक अभी 30 अरब डॉलर तक की बिक्री कर सकता है। उधर इंडिया फारेक्स एडवाइजर्स के सीईओ अभिषेक गोयनका का मानना है कि रुपया डॉलर के मुकाबले फिर तलहटी के करीब पहुंच रहा है। शेयर बाजार से विदेशी निवेश की निकासी इसकी स्थिति और कमजोर कर रही है।

सस्ता रुपया घरेलू आयात खासतौर पर कच्चे तेल के आयात को महंगा करेगा और खजाने पर दबाव बनाएगा। इसके चलते चालू खाते का घाटा खतरनाक स्तर तक जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने अब रुपये की कीमत में और कमी का अनुमान लगाना शुरू कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकिंग फर्म स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने इस साल के लिए एक डॉलर की कीमत का अनुमान 53 रुपये से बढ़ाकर 60.5 रुपये कर दिया है।


http://www.jagran.com/news/business-re-tumbles-to-new-lifetime-low-of5968-10506900.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close