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न्यूज क्लिपिंग्स् | खाद्य तेल में तेजी का रुझान

खाद्य तेल में तेजी का रुझान

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published Published on Oct 19, 2015   modified Modified on Oct 19, 2015
खाने के तेल लगातार महंगे हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके भाव तेज हैं और त्योहारों के साथ-साथ शादियों का सीजन होने के नाते घरेलू बाजार में मांग बढ़ी है। जाहिर है, तेल-तिलहन के दाम बढ़ने के दोहरे कारण हैं। आगे भी कमोबेश ऐसे ही हालात रहने के आसार हैं।

खाने के तेल और तिलहन के थोक बाजार में इस हफ्ते भी तेजी रही। मुख्य रूप से इसकी दो वजहें रहीं। एक तो ग्लोबल मार्केट में खाद्य तेल और तिलहन के भाव में तेजी का रुझान है और दूसरा यह कि त्योहारों और शादी-विवाह के सीजन की बढ़ी हुई मांग पूरी करने के लिए घरेलू बाजार के वनस्पति मिलर्स और फुटकर व्यापारियों ने खरीदारी बढ़ाई है। गैर-खाद्य खंड में कुछ तेलों के भाव भी चढ़े हैं क्योंकि जिन उद्योगों में इनका इस्तेमाल होता है, उन्होंने इसकी खरीद बढ़ा दी है। व्यापारियों का कहना है कि वनस्पति मिलर्स और रिटेलरों की ओर से लगातार लिवाली के कारण खाद्य तेल बाजार का माहौल बिलकुल बदल गया है। करीब-करीब सभी तरह के तेल-तिलहन के भाव लगातार बढ़ रहे हैं।

आगे और तेजी की आशंका

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी शुरू होने के कारण व्यापारियों और मिलरों को लग रहा है कि यह रुझान लंबे समय तक जारी रहेगा। यही कारण है कि आगे और भाव बढ़ने की आशंका में उन्होंने खरीद तेज कर दी है। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स में दिसंबर डिलिवरी के लिए पाम ऑयल का वायदा भाव 553 डॉलर (करीब 35,800 रुपए) प्रति टन हो गया।

पाम ऑयल का आयात बढ़ा

तेल-तिलहन उद्योग की प्रतिनिधि संस्था सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में भाव तेज होने के बावजूद सितंबर के दौरान भारत में पाम ऑयल का आयात एक साल पहले इसी माह हुए आयात के मुकाबले 12.20 प्रतिशत बढ़कर 7,83,734 टन हो गया। भारत वनस्पति तेल का दुनिया का अग्रणी खरीदार है। पिछले साल सितंबर में यहां 6,98,471 टन पाम ऑयल का आयात किया गया था।

तमाम खाद्य तेलों में तेजी

मूंगफली तेलः दिल्ली में मूंगफली तेल (मिल डिलिवरी, गुजरात) की कीमत 80 रुपए बढ़कर 9,100 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड ऑयल का भाव भी 20 रुपए तेजी के साथ 1,700-1,750 रुपए प्रति टिन हो गया।

सरसों तेलः सरसों तेल (एक्पेलर, दादरी) की कीमत 140 रुपए बढ़कर 8,100 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल की ट्रेडिंग 50 रुपए तेजी के साथ क्रमशः 1,395-1,445 रुपए और 1,435-1,535 रुपए प्रति टिन हुई।

तिल, बिनौलाः तिल और बिनौले के तेल (मिल डिलिवरी, हरियाणा) की कीमत 100 रुपए बढ़कर क्रमशः 8,000 रुपए और 6,000 रुपए प्रति क्विंटल हो गई।

पामोलीनः पामोलीन (आरबीडी) और पामोलीन (कांडला) तेल के दाम 80 रुपए बढ़कर क्रमशः 5,700 और 5,630 रुपए हो गए, जबकि कू्रड पाम ऑयल (एक्स-कांडला) 20 रुपए तेजी के साथ 4,250 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।

सोयाबीन तेलः सोयाबीन रिफाइंड मिल डिलिवरी (इंदौर) और सोयाबीन डिगम (कांडला) के दाम 30 रुपए बढ़कर क्रमशः 6,700 रुपए और 6,400 रुपए प्रति क्विंटल हो गए।

गैर-खाद्य तेल

पेंट इंडस्ट्री की ओर से मांग बढ़ने के कारण गैर-खाद्य तेल के भाव में भी तेजी रही। स्टॉकिस्टों ने लिवाली बढ़ाई और इस वजह से अलसी का तेल 100 रुपए महंगा होकर 8,700 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। औद्योगिक यूनिट्स की ओर से मांग बढ़ने के कारण कास्टर ऑयल का भाव भी 10 रुपए बढ़कर 9,900-10,000 रुपए प्रति किलो हो गया।

 


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