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न्यूज क्लिपिंग्स् | गांव के बाद शहर में डायरिया का कहर

गांव के बाद शहर में डायरिया का कहर

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published Published on Aug 13, 2012   modified Modified on Aug 13, 2012

बिलासपुर।डायरिया से पांच लोगों की मौत होने के बाद शहर के वार्डो में हालात और भी बिगड़ने लगे हैं। रविवार को डायरिया से पीड़ित 30 लोगों को सिम्स व जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। दर्जनों लोग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। ये मरीज लालखदान, महमंद, गणोश नगर, चुचुहिया पारा, तालापारा व शहर के अन्य मोहल्लों के हैं। इनके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी डायरिया का प्रकोप शुरू हो गया है। डायरिया के संक्रमण के बाद नगर निगम का अमला भी जाग उठा है। रविवार को निगम के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जूना बिलासपुर क्षेत्र वार्ड नंबर 27 व 28 में सर्वे किया। इस दौरान चार मरीज मिले, जिन्हें दवाइयां दी गईं। इसके साथ ही दोनों वार्डो में क्लोरीन की गोलियां बांटी गईं।

 

 

शहर के तालापारा, जूना बिलासपुर, दयालबंद, गणोशनगर, चुचुहियापारा, जरहाभाठा, सरकंडा सहित कई मोहल्ले डायरिया की चपेट में हैं। इसके अलावा महमंद, लालखदान, खमतराई, सकरी सहित कई ग्रामीण इलाकों में भी डायरिया का प्रकोप है। पीड़ित मरीज शहर के निजी अस्पतालों सहित सिम्स व जिला अस्पताल में रोजाना इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। रविवार को शाम तक ऐसे 9 मरीजों को इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया है। इनमें लालखदान के 2 मरीजों सहित, तालापारा, परसाही, मस्तूरी व चकरभाठा के मरीज शामिल हैं।

 

 

वहीं जिला अस्पताल में 10 लोगों को इलाज के लिए लाया गया है। इनमें दयालबंद, चुचुहियापारा, जरहाभाठा, तालापारा, गणोशनगर सहित अन्य मोहल्लों के मरीज शामिल हैं। पीड़ित लोगों का उपचार किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में डायरिया की शिकायत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग का अमला सक्रिय है। सीएमओ डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि इसके लिए सभी ब्लाकों में विभागीय अमले को निर्देश दिए गए हैं। इलाज के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध करा दी गईं हैं। हाल में ही महमंद व लालखदान का इलाका डायरिया की चपेट में था। महमंद में फिलहाल हालात काबू में है। लालखदान में पिछले चार दिनों से स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है। यह शिविर रविवार को भी जारी रहा। स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने घर-घर जाकर हालात का जायजा लिया। यहां एक-दो मरीज मिल रहे हैं। अमले ने सभी घरों में क्लोरीन की गोलियां और ओआरएस के पैकेट वितरित किए। घरों में व आसपास साफ-सफाई को लेकर सजग रहने के लिए कहा गया है।

आंगनबाड़ी केंद्रों में दवाइयों का स्टाक उपलब्ध कराया गया है। इधर, डायरिया को लेकर शहरी क्षेत्र में नगर निगम का स्वास्थ्य अमला सक्रिय है। हेमूनगर व शंकर नगर में हफ्ते भर कैम्प लगाने के बाद निगम का अमला रविवार को जूना बिलासपुर क्षेत्र के वार्ड नंबर 27 व 28 में पहुंचा। स्वास्थ्य अधिकारी डा.ओंकार शर्मा व उनकी टीम ने दोनों वार्डो में सर्वे किया। इस दौरान वार्ड नंबर 27 में महेंद्र (45 वर्ष) व सुनीता निर्मलकर (38 वर्ष) डायरिया से पीड़ित मिले। वहीं वार्ड नंबर 28 में 3 वर्षीय दिनेश व 20 वर्षीय चंदन को दस्त की शिकायत थी। उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां दी गईं। उनकी हालत अधिक गंभीर नहीं थी, लिहाजा दवाइयां देने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। डायरिया की रोकथाम के लिए निगम के अमले ने वार्ड में क्लोरीन की गोलियां वितरित की। पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है। शहर में मिले डायरिया पीड़ितों में 15 बच्चे शामिल हैं, जिनकी उम्र 6 माह से 13 साल तक है।

कई मरीज निजी अस्पतालों में

शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में अनेक लोग डायरिया एवं दस्त से पीड़ित हो रहे हैं। जिन इलाकों में मरीजों की संख्या अधिक है, वहां की जानकारी विभाग को मिल रही है। ऐसे स्थानों में इलाज भी चल रहा है। लेकिन कई ऐसे इलाके हैं, जहां स्वास्थ्य विभाग या नगर निगम को इसका पता तक नहीं चल पा रहा है। रविवार को एक ही दिन में अलग-अलग स्थानों से 30 लोग सिम्स व जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इसके अलावा अनेक लोग शहर के निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

लालखदान से 8 व गणोश नगर से 7 मरीज पहुंचे

लालखदान इलाके में डायरिया का प्रकोप अभी थमा नहीं है। रविवार को इस इलाके से 8 मरीज जिला अस्पताल व सिम्स पहुंचे हैं। वहीं गणोश नगर चुचुहियापारा से 7 व दयालबंद, तालापारा और जरहाभाठा से 2 मरीज इलाज के लिए आए हैं।

जिला अस्पताल में ये भर्ती

कल्लू (60 वर्ष) दयालबंद, फागूलाल (60 वर्ष) उरतुम, मांडू (45 वर्ष) तालापारा, लक्ष्मण (50 वर्ष) बिल्हा, रमेंद्र पालू (16 वर्ष) गणोश नगर, सोनिया (2 वर्ष) लालखदान, गुजारी बाई (45 वर्ष) दयालबंद, सलीम (डेढ़ वर्ष) मिनी बस्ती जरहाभाठा, मोनिका (3 वर्ष) चुचुहिया पारा, हरीश कुमार (18 वर्ष) खमतराई, सुमेंद्र पॉल (13 वर्ष) गणोश नगर नयापारा, कु. अंशू (7 वर्ष) लालखदान, कु. आशा (8 वर्ष) लालखदान, कु. सौम्या (3 वर्ष) लालखदान, विनोद गंधर्व (9 वर्ष) लालखदान, सुरेंद्र कुमार (9 वर्ष) सेमरताल, करन लहरे (ढाई वर्ष) गणोश नगर, अनुराग लहरे (6 माह) गणोश नगर, अमन लहरे (8 वर्ष) गणोश नगर, अमित लहरे (10 वर्ष) गणोश नगर, कु. श्रेष्ठा (13 वर्ष) जरहाभाठा।

सिम्स में भर्ती मरीज

सुदामा केंवट (63 वर्ष) लालखदान, पूजा (23 वर्ष) महमंद, भानू प्रसाद (40 वर्ष) तालापारा, गायत्री बाई (47 वर्ष) तारबाहर, पंचो बाई (40 वर्ष) परसाही, निधि लोधी (45 वर्ष) चकरभाठा, विभूति सिंह (20 वर्ष) सकरी, रामप्यारी (45 वर्ष) मस्तूरी, आशा भैना (22 वर्ष) मस्तूरी।

अस्पताल में भी गंदगी

इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे मरीजों और परिजनों को वार्ड में भी गंदगी ही मिल रही है। इससे ठीक होने के बजाय बीमारी की आशंका अधिक है। यहां भर्ती कई मरीजों ने इसकी शिकायत भास्कर टीम से की।


http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-havoc-in-the-village-of-diarrhea-3648401.html


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