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न्यूज क्लिपिंग्स् | छत्तीसगढ़-- तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कंपनी ढाई माह में बहाल

छत्तीसगढ़-- तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कंपनी ढाई माह में बहाल

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published Published on Jun 24, 2016   modified Modified on Jun 24, 2016
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) ने अप्रैल 2016 में देश की जिन 4 दवा निर्माता कंपनियों को 2019 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया था, उनमें से 2 कंपनियों को बहाल कर दिया है। इसका खुलासा कॉर्पोरेशन की वेबसाइट से हुआ है। जहां ब्लैक लिस्टेड कंपनियों की सूची में इनका नाम नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि यह बहाली क्यों?

'नईदुनिया" पड़ताल में सामने आया की अप्रैल 2016 में स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को ऐसी 5 कंपनियों के खिलाफ लिखित शिकायत हुई थी, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में दवा का टेंडर हथियाने के लिए यह जानकारी छिपाए कि उन्हें दूसरे राज्य में ब्लैक लिस्टेड किया गया है। इनमें ब्रूकस लेबोरेट्रीज, यूनिजुलस लाइफ साइसेंस लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, जिम लेबोरेटरीज लिमिटेड, एल्कॉन पैरेटरल्स शामिल थी।

तत्काल कंपनियों के रेट कांट्रेक्ट रद्द किए गए हैं, जांच करवाई गई और इन्हें 7 दिन का नोटिस दिया गया। ब्रूकस, युनिजुएल्स, कैडिला के विरूद्ध शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद इन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई की जानकारी दी थी।

स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से प्रेस रिलीज जारी की गई थी, लिखा था- 'खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं गुणवत्ता पूर्ण दवा की उपलब्धता जनता को हो सके, जनता सुझाव दे सकती है।" लेकिन किसी स्थिति में दो कंपनी की बहाली हुई, इससे पूरा सीजीएमएससी सवालों के दायरे में आ गया है। हालांकि अफसरों का तर्क है कि तब लीगल ओपिनियन नहीं लिए गए थे। लेकिन बगैर लीगल ओपिनियन के इतनी बड़ी कार्रवाई संभव ही नहीं है। तब स्वास्थ्य सचिव विकासशील, सीजीएमएससी प्रबंध संचालक अविनाश चंपावत थे।

सूत्रों की मानें तो ये है वजह

सीजीएमएससी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो जिन कंपनियों को बहाल किया गया है, उन्हें लेकर हाई अप्रोच थी। चर्चा यह है कि इन कंपनियों को दूसरे राज्यों में निविदा भरनी है, अगर यहां से इन्हें बहाल नहीं किया जाता तो ये बड़ी निविदा में हिस्सा लेने से चूक जाती।

ये हैं कंपनियां
12 अप्रैल 2016 से 12 अप्रैल 2019 तक ब्लैक लिस्टेड- कर दिया बहाल
1- ब्रूकस लेबोरेट्रीज लिमिटेड, विश्वेश्वर नागा, गोरेगांव महाराष्ट्र। अंतिम आर्डर- 6 नवंबर 2015
2- यूनीजुलस लाइफ साइसेंस लिमिटेड, नागपुर, महाराष्ट्र। अंतिम आर्डर- 28 सितंबर 2015
12 अप्रैल 2016 से 12 अप्रैल 2019 तक ब्लैक लिस्टेड- आदेश बरकरार
3- कैडिया हेल्थ केयर लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात। अंतिम आर्डर- 23 मार्च 2015
4- विवेक फॉर्माकेम (इंडिया) लि., जयपुर, राजस्थान। अंतिम आर्डर- जानकारी नहीं मिल सकी।

सायनो फॉर्मा भी हटाई गई वेबसाइट से

इंदौर की दवा निर्माता कंपनी सायनो फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड को प्रदेश में 5 अगस्त 2014 से 4 अगस्त 2016 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया था। लेकिन इस कंपनी का नाम भी सीजीएमएससी की वेबसाइट पर ब्लैक लिस्टेड फर्म की सूची से नाम बुधवार-गुरुवार को हटा दिया गया। जबकि ब्लैक लिस्टेड पीरियड खत्म होने में अभी डेढ़ महीने का समय बाकी है। कंपनी को फर्जी दस्तावेज/जानकारी देने का दोषी पाया गया था। सायनो फॉर्मा को मितानीन किट सप्लाई का ऑर्डर मिला था।
पूर्व की जानकारी नहीं


जिन 2 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया गया था, उन पर लीगल ओपिनियन बाद में आया। इसलिए उन्हें ब्लैक लिस्ट से हटा दिया गया है। इन कंपनियों को पहले वर्कऑर्डर मिला, उसके बाद इन्हें दूसरे राज्य में ब्लैक लिस्ट किया गया था। पूर्व में क्यों ऐसा हुआ मुझे जानकारी नहीं है।

वी. रामाराव, प्रबंध संचालक, सीजीएमएससी


- See more at: http://naidunia.jagran.com/chhattisgarh/raipur-blacklisted-company-for-three-years-restored-two-and-a-half-months-766809#sthash.CDAdWyu3.dpuf


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