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न्यूज क्लिपिंग्स् | छत्तीसगढ़ : सूखने लगा जमीन का गला, गहरा रहा पानी का संकट

छत्तीसगढ़ : सूखने लगा जमीन का गला, गहरा रहा पानी का संकट

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published Published on Mar 26, 2018   modified Modified on Mar 26, 2018
रायपुर । मुश्किल स्थिति में बिना बुनियादी सुविधाओं के भी जीवन गुजारना संभव है, लेकिन पानी के बगैर जीवन की कल्पना भी बेमानी है। गर्मी शुरू होते ही फिर जमीन का गला सूख रहा। राज्य के शहरों से लेकर गांवों तक पानी की कमी का असर भी दिखने लगा है। कई इलाकों में जलसंकट शुरू हो गया है। नईदुनिया राज्य के कुछ प्रमुख शहरों और जिलों में पेजयल व्यवस्था का जायजा लिया। इसके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

कोरबा में पानी के लिए नंगे पांव दो किलोमीटर की दौड़

कोरबा में जल संकट गहराने लगा है। जिला मुख्यालय से 95 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत लामपहाड़ के आश्रित ग्राम चिरईझुंझ के ग्रामीणों को पानी के लिए रोज दूसरी जगह जाना पड़ता है।

चिरईझुंझ में रहने वाले 45 कोरवा व धनुहार आदिवासी प्रतिदिन 2 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं तब कहीं जाकर एक वक्त के लिए पीने व दैनिक जीवन के दूसरे कार्यों के लिए पानी की व्यवस्था हो पाती है। गांव में एकमात्र हैंडपंप है, उससे भी लाल पानी निकल रहा है।

सीएम ने सरकार के साथ लगाई थी चौपाल

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों के लिए सीएम की घोषणा भी कागजों में किया गया चुनावी वादा बनकर रह गया है। दरअसल लोक सुराज अभियान में तीन साल पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, मुख्य सचिव, आला अधिकारियों के साथ जिले के पूर्व कलेक्टर पी दयानंद भी पहुंचे थे।

जगदलपुर में औसत 55 लोगों के लिए एक हैंडपंप

लामपहाड़ में लगी सरकार की चौपाल में गांव के लोगों ने गर्मी में होने वाले पेयजल संकट से राहत दिलाने की फरियाद की थी, जिसे जल्द से जल्द पूरा करने का वादा डॉ सिंह ने किया था। इसके बाद सीएम अपने हेलीकॉप्टर में उड़ गए, लेकिन पानी देने का वादा आज पूरा नहीं हो सका। ग्रामीण जद्दोजहद करने मजबूर हैं।

राजनांदगांव में करना पड़ रहा है रतजगा

राजनांदगांव के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहरा गया है। वहां के जालबांध से सटे भाटागांव के ग्रामीणों को अभी से पेयजल के लिए दो किमी सफर करना पड़ रहा है। हैंडपंप और तालाब सूख गए हैं।

गांव में अलग से कोई जलस्रोत का साधन नहीं है। इस वजह से ग्रामीण पानी के लिए रतजगा भी कर रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने से गांव में पानी की समस्या विकराल हो गई है। तब से ग्रामीण बैलगाड़ी व अन्य साधनों से पेयजल के लिए दूरी तय कर रहे हैं। इसी तरह घुमका इलाके की इरईखुर्द पंचायत को गांव वालों के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है।


https://naidunia.jagran.com/chhattisgarh/raipur-water-crisis-knock-in-chhattisgarh-people-bothered-1627311?utm_source=naidunia&utm_medium=home&utm_content=cg


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