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न्यूज क्लिपिंग्स् | छपरौला में हो सकता है मिर्चपुर जैसा कांड

छपरौला में हो सकता है मिर्चपुर जैसा कांड

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published Published on Jun 16, 2010   modified Modified on Jun 16, 2010

विद्यासागर सिंह, पलवल : राज्य में दलितों पर हो रहे लगातार हमलों से प्रदेश सरकार सांसत में है। सरकार मिर्चपुर कांड, भिडूकी, फज्जूपुर और नीमका गांवों के हमले की जवाबदेही से छुटकारा नहीं पा सकी है कि पलवल जिले के गांव छपरौला में मिर्चपुर जैसा कांड दोहराए जाने की खुफिया सूचना राज्य सरकार के पास जा पहुंची है।

राज्य सरकार के खुफिया विभाग ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि 12 जून को गांव छपरौला में पंचायत चुनाव के दौरान जिस तरह उपद्रव हुआ, इनमें सबसे ज्यादा दलित ही निशाना बने हैं। आशंका जताई गई है कि हारने वाले उम्मीदवार के समर्थक गांव में दोबारा उपद्रव मचा सकते हैं और उनके निशाने पर दलित होंगे। उपद्रव करने वालों के प्रति पुलिस ने जिस तरह की नरमी बरती है, उससे उपद्रवियों के हौसले बुलंद हैं। वे दलितों के उस खेमे की तलाश में हैं जिन्होंने उनका समर्थन नहीं किया था। चुनाव के दौरान गांव छपरौला में दिन भर उपद्रव मचा रहा। कई बार हिसंक झड़पें हुई। दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए, लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर केवल नौ लोगों को गिरफ्तार कर पाई है। इनमें से आठ लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है तथा एक को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इस सिलसिले में लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों के खिलाफ मामला भी राष्ट्रीय राजमार्ग रोकने का दर्ज किया गया है।

गांव छपरौला में हिसंक घटनाओं के बाद भी पुलिस बल तैनात नहीं किया गया है। न ही आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस तत्परता दिखा रही है। उपद्रव मचाने वाले आरोपी गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। उपद्रव मचाने वालों में जिन लोगों पर खुफिया ने आशंका जताई है, उनकी पृष्ठभूमि पहले से ही खूंखार रही है।

वहीं, पुलिस की चौकसी के बारे में सदर थाना प्रभारी रणजीत सिंह का कहना है कि गांव छपरौला में विशेष पुलिस बल तैनात नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/haryana/4_6_6493387/


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