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न्यूज क्लिपिंग्स् | जमीन आवंटन में नहीं हुई नियमों की अनदेखी : बियाडा

जमीन आवंटन में नहीं हुई नियमों की अनदेखी : बियाडा

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published Published on Jul 21, 2011   modified Modified on Jul 21, 2011

पटना।  बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) द्वारा कथित तौर पर जमीन आवंटन को लेकर बिहार के विपक्षी दल भले ही हंगामा कर रहे हों और इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग कर रहे हों लेकिन बियाडा के अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि जमीन आवंटन में पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है।

बियाडा की प्रबंध निदेशक अंशुली आर्या ने बताया कि जमीन आवंटन में पूरी तरह नियमों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 के बाद नियमों में संशोधन करते हुए विज्ञापन निकालने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया था। अब पहले एक आवंटन आवेदन पत्र भरा जाता है उसके बाद प्रोजेक्ट क्लियरेंस समिति (पीसीसी) उद्यमी से साक्षात्कार लेती है। इस समिति में कई विभागों जैसे वित्त, उद्योग, वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी होते हैं।

उद्यमी द्वारा दी जाने वाली विस्तृत परियोजना रपट (डिपीआर) की भी समीक्षा की जाती है। जब समिति पूरी तरह संतुष्ट हो जाती है तो उन्हें उद्योग लगाने के लिए जमीन का आवंटन किया जाता है। आवंटन के बाद भी किसी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर इसे रद्द भी किया जा सकता है। वह स्पष्ट कहती हैं कि उक्त भूमि का आवंटन 90 वर्षो के लिए ही किया जाता है।

इधर, बियाडा के सचिव गिरीश कुमार भी बताते हैं कि पिछले पांच वर्षो में निवेश का माहौल बना है जिस वजह से जमीन के आवंटन के लिए बड़ी संख्या में आवेदन मिल रहे हैं। उद्योग लगाने के लिए कोई भी व्यक्ति आवेदन दे सकता है।

वह बताते हैं कि बियाडा के पास अभी भी 47 औद्योगिक क्षेत्रों में 611.4 एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है। सभी औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन की कीमत अलग-अलग है, जिनमें प्रत्येक वर्ष आमतौर पर दस प्रतिशत का इजाफा किया जाता है। अगर ऐसा लगे कि पहले ही मूल्यों में ज्यादा वृद्धि कर दी गई तो कुछ वर्ष उनके मूल्यों में वृद्धि नहीं भी की जाती है।

इधर, एक अन्य अधिकारी की मानें तो शैक्षणिक संस्थाओं के लिए 20 प्रतिशत भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जमीन आवंटन में किसी प्रकार की प्राथमिकता देने का प्रश्न ही नहीं उठता। इधर, व्यावसायिक संगठन भी इस बात को गलत बता रहे हैं।

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ओ़ पी़ शाह कहते हैं कि बियाडा किसी को कम कीमत और प्राथमिकता के आधार पर भूमि का आवंटन नहीं कर सकता। वह कहते हैं कि बिहार में औद्योगिकीकरण का माहौल बन रहा है और इसलिए ऊंची शिक्षा ग्रहण कर व्यवसाय के क्षेत्र में आ रहे लोगों का स्वागत करना चाहिए। वह कहते हैं कि यह सम्भव नहीं है कि बियाडा किसी आवेदन को केवल इस आधार पर अस्वीकार कर दे कि आवेदक किसी खास वर्ग या समुदाय से है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में बियाडा की जमीन चार प्रक्षेत्रों पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर प्रक्षेत्र में है। इनमें प्रत्येक प्रक्षेत्र में कई शहर आते हैं।


http://www.bhaskar.com/article/BIH-land-dispute-in-biharchoas-in-parliament-2281426.html


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