Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | दलितों के 8.000 करोड़ रु. हजम कर गई सरकार

दलितों के 8.000 करोड़ रु. हजम कर गई सरकार

Share this article Share this article
published Published on Dec 16, 2010   modified Modified on Dec 16, 2010
जयपुर. सरकार ने पांच साल में दलितों के हक के 8351.69 करोड़ रुपए दूसरे मदों में खर्च कर दिए।

विभाग के मंत्रियों को यह तक पता नहीं है कि दलितों का यह पैसा कहां और कैसे खर्च करना है? यह सब तब हो रहा है जब प्लानिंग कमीशन सभी विभागों को ‘अनुसूचित जाति उप योजना’ (एससीएसपी) के तहत सरकारी योजनाओं में दलितों के हक का पैसा अलग से अकाउंट खोलकर उसमें रखने और खर्च करने के निर्देश दे चुका है। भास्कर ने इस मसले की पड़ताल की तो सामने आया कि विभिन्न मदों में खर्चे के लिए 58818.24 करोड़ रु. बजट का प्रावधान रखा गया।

इसमें से एससीएसपी हैड के तहत खोले जाने वाले अकाउंट में 10093.22 करोड़ रुपए डालने थे, जबकि खातों में महज 1741.52 रुपए डाले।सीधा सा गणित है कि दलितों के हक के ८३५१.६९ करोड़ रुपए सरकार ने दूसरे मदों में खर्च कर डाले। राज्य में दलितों की जनसंख्या करीब 17.16 प्रतिशत है। नियमों के मुताबिक इस योजना के तहत खोले जाने वाले अकाउंट में कुल आवंटित बजट का करीब 17 प्रतिशत (जनसंख्या अनुपात में) डालना चाहिए था, जबकि महज 2-3 प्रतिशत बजट ही उनके हित में खर्च हो पाया है।

इस बात को लेकर विधानसभा में अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्तियों के लिए उनकी आबादी अनुसार स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के तहत बजट राशि व्यय करने की बात पूछी गई तो सत्तापक्ष ने बचाव में जल्द ही इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके आज तक इस संबंध में कोई कठोर निर्णय नहीं लिया गया। अभी तक 34 विभागों ने तो अनुसूचित जाति उप योजना के तहत कोई अलग अकाउंट ही नहीं खोला है। इनमें जेडीए, हाउसिंग बोर्ड, यूथ एवं स्पोर्ट्स, वन, कृषि, परिवहन, टूरिज्म, कला एवं साहित्य, तकनीकी शिक्षा जैसे महकमें शामिल हैं।

इसके अलावा जिन एकाध महकमों की ओर से यह मद के अकाउंट खोले हैं, वहां भी गिना-चुना बजट ही खाते में डाला गया है, लेकिन इस बजट के हिसाब-किताब की कोई समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस मसले पर भाजपा के पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ कहते हैं कि मैंने विधान सभा में स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के जरिए अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्तियों के लिए समुचित राशि व्यय करने की बात पूछी थी। कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे पर हमें आश्वस्त किया था। सरकार दलितों के उत्थान के प्रति कत्तई सजग नहीं है।

एससीएसपी के तहत दलित उद्धार के लिए पैसा खर्च होने का मामला विधानसभा में भी उठा था। वैसे इस योजना को लागू करने में कुछ व्यावहारिक समस्याएं हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। मसलन अकाउंट खोलने के साथ ही इस पैसे की प्रोपर अकाउंटिंग भी होना जरूरी है। कई विभागों को जानकारी ही नहीं कि वे पैसे कैसे खर्च करें? हालांकि इस बारे में प्लानिंग कमीशन की ओर से अकाउंट खोलकर पैसा खर्च करने के निर्देश भी जारी हो गए हैं। इसके बाद अकाउंट खोलने का काम भी हो रहा है। - विनेश सिंघवी, ओएसडी, प्लान ( इस मसले पर प्रमुख आयोजना सचिव डीबी गुप्ता से बात की गई, मगर उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए विनेश सिंघवी से बात करने को कहा)

यह है योजना: छठीं पंचवर्षीय योजना में दलितों के आर्थिक उत्थान के लिए प्रावधान किए गए। इसके तहत स्पेशल कंपोनेंट प्लान 1979 (एससीपी) की शुरुआत हुई। इस प्लान के तहत सभी विभागों को 789 कोड के तहत खाते खोलने थे और उसमें कुल बजट का करीब 17 प्रतिशत धन (अनुसूचित जाति जनसंख्या अनुसार) डालकर इसे दलितों के हित में खर्च करना था। हालांकि अभी तक कुल बजट का 2-3 प्रतिशत बजट ही इस योजना के तहत खर्च हो रहा है। 2006 में इस योजना को अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) नाम दे दिया गया।

http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JAI-government-digest-dalits-rs-8-1655152.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close