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न्यूज क्लिपिंग्स् | दो साल में रिकॉर्ड 53 फीसद बढ़ा FDI

दो साल में रिकॉर्ड 53 फीसद बढ़ा FDI

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published Published on Jul 30, 2016   modified Modified on Jul 30, 2016
नई दिल्ली। देश में बीते दो साल के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) में 53 फीसद की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

सरकार की ओर से ग्रोथ, कीमत स्थिरता को बढ़ावा देने और राजकोषीय घाटे को तर्कसंगत बनाने के प्रयासों से निवेश का माहौल बेहतर हुआ है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में सवालों के जवाब में यह बात कही।

जेटली ने सवालों के जवाब में यह भी कहा कि कोई भी चैरिटी के लिए निवेश नहीं करता। चाहे यह निवेश घरेलू स्तर पर हो या विदेशी, हर निवेशक को लाभांश और अन्य फायदे चाहिए। अगर निवेशक को हमारे यहां लाभ नहीं होगा तो वह किसी और देश में जाकर निवेश करेगा।

सदस्यों ने पूछा था कि एफडीआइ के बदले विदेशी निवेशक लाभांश, रॉयल्टी और अन्य लाभों के रूप में कितनी रकम वापस ले गए हैं। वित्त मंत्री के मुताबिक, जब निजी क्षेत्र दबाव में होता है, तो निवेश के लिए सरकार और विदेशी स्त्रोतों पर ही निर्भरता होती है। किसी विदेशी कंपनी को लाभ नहीं होगा तो निवेश क्यों करेगी।

जेटली ने कहा कि कारोबार को सुगम बनाने के साथ ही देश में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। कई क्षेत्रों को एफडीआइ के लिए खोला गया है। कुछ और अन्य क्षेत्रों को अभी खोला जाना बाकी है।

एफडीआइ को आकर्षित करने के लिए कुछ शर्तें होती हैं। इन शर्तो को भी नरम और आसान बनाया गया है।

एफडीआइ के बदले में निवेश करने वाली कंपनियों द्वारा लाभांश लेने के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि यह किसी भी तरह से गैरकानूनी या कारोबारी सिद्धांतों के खिलाफ नहीं है।

निवेश को अर्थव्यवस्था में सकल बचत द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से वित्त पोषित किया जा सकता है। सकल बचत में अगर कोई कमी है तो उसे बाकी दुनिया से पूंजी की आवक बढ़ाकर पूरा किया जाता है।

विदेशी निवेश में बढ़त जारी

देश में चालू वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में एफडीआइ सात फीसद बढ़कर 10.55 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सबसे ज्यादा विदेशी निवेश कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर, सेवाएं, दूरसंचार, बिजली और फार्मा क्षेत्र में आया।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। जनवरी-मार्च, 2015 की अवधि में एफडीआइ का आंकड़ा 9.88 अरब डॉलर था।


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