Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | पंजाब सरकार की ओर से लाए तीन नए कृषि विधेयकों में क्या है

पंजाब सरकार की ओर से लाए तीन नए कृषि विधेयकों में क्या है

Share this article Share this article
published Published on Oct 23, 2020   modified Modified on Oct 23, 2020

-बीबीसी,

20 अक्तूबर को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में तीन नए कृषि विधेयकों को पारित किया गया. ये कृषि विधेयक हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए लाए गए हैं.

इसके साथ ही विधानसभा ने केंद्र सरकार के कृषि संबंधी क़ानून को खारिज कर दिया है. हालांकि उन्हें इसे क़ानून बनाने के लिए राज्य के राज्यपाल के अलावा देश के राष्ट्रपति की सहमति लेनी पड़ेगी.

केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए जिन तीन नए कृषि क़ानूनों को खारिज किया गया है वे हैं- कृषि उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) क़ानून 2020, कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्‍वासन समझौता और कृषि सेवा पर क़रार क़ानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) क़ानून, 2020.

पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में इन क़ानूनों को लेकर क़रीब एक महीने से किसानों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा है.

विज्ञापन

विरोध करने वाले किसानों और उनके संगठनों का कहना है कि नए क़ानून के तहत कृषि क्षेत्र भी पूँजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और इसका नुक़सान किसानों को होगा.

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के शासन वाले प्रदेश सरकारों से यह कहा था कि वो केंद्र सरकार के कृषि क़ानून को निष्प्रभावी करने वाले क़ानून को लाने की संभावना पर विचार करें.

उन्होंने इसके लिए अनुच्छेद 254 (2) का इस्तेमाल करने की बात कही थी. ये अनुच्छेद समवर्ती सूची में शामिल विषयों से जुड़ा हुआ है.

भारतीय संविधान में ये स्पष्ट किया गया है कि संघ और राज्यों को किन-किन विषयों पर क़ानून बनाने का अधिकार है.

संविधान में इसके लिए तीन सूचियां हैं. एक संघ सूची (वे विषय जिन पर केंद्र सरकार को क़ानून बनाने का एकाधिकार है), राज्य सूची (वे विषय जिन पर राज्य सरकारें क़ानून बना सकती हैं) और समवर्ती सूची (वह सूची जिन पर राज्य और केंद्र सरकारें दोनों क़ानून बना सकती हैं).

संविधान के अनुच्छेद 254 (2) में स्पष्ट रूप से लिखा है

• राज्य विधानसभा की ओर से समवर्ती सूची में शामिल विषयों के संबंध में क़ानून बनाया जाता है जो कि संसद द्वारा बनाए गए पहले के क़ानून के प्रावधानों, या उस विषय के संबंध में मौजूदा क़ानून के ख़िलाफ़ हैं.

• राज्य विधानसभा में बनाया गया क़ानून राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित किया गया हो और उस पर राष्ट्रपति अपनी सहमति दे दे, ऐसी स्थिति में केंद्रीय क़ानूनी अप्रभावी होगा और राज्य का क़ानून प्रभावी होगा.

लेकिन इस अनुच्छेद के साथ शर्त ये है कि राज्य सरकारों को इन अधिनियमों के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति चाहिए होती है. इसके साथ ही अगर राष्ट्रपति अपनी स्वीकृति दे देते हैं तो भी केंद्रीय क़ानून सिर्फ़ उसी राज्य में प्रभावी नहीं होगा. ऐसे में प्रत्येक राज्य को अपना क़ानून बनाकर राष्ट्रपति की स्वीकृति लेनी होगी.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में इस बात का उल्लेख भी किया कि कृषि राज्य का विषय है लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नज़रअंदाज किया है.

पंजाब सरकार की ओर से विधानसभा में पारित कराए गए विधेयकों में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि कृषि, कृषि बाज़ार और ज़मीन प्राथमिक तौर पर राज्य के विषय हैं.

तीनों विधेयकों में पंजाब सरकार ने दावा किया है कि केंद्र सरकार के क़ानून में मौजूद प्रावधानों को "पंजाब कृषि उपज बाज़ार अधिनियम, 1961 के तहत किसानों और खेतिहर-मजदूरों के हित और उनके जीविकोपार्जन को बचाने के लिए" बदल दिया गया है.

पंजाब विधानसभा में जो तीन नए विधेयक पारित किए गए हैं उनके नाम हैं- कृषि उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन बिल 2020, आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) बिल 2020 और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) बिल 2020.

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


बीबीसी, https://www.bbc.com/hindi/india-54637066


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close