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न्यूज क्लिपिंग्स् | पांच दशक से घास की झोपड़ी में बसेरा, नहीं हुई सरकारी छत नसीब

पांच दशक से घास की झोपड़ी में बसेरा, नहीं हुई सरकारी छत नसीब

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published Published on Feb 27, 2018   modified Modified on Feb 27, 2018
कटंगी, नईदुनिया न्यूज। सरकार गरीबों को पीएम आवास योजना के तहत मकान बनाकर दे रही है। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते इसके लाभ से हितग्राही वंचित हैं। ये हालात जनपद पंचायत कटंगी के नंदलेसरा गांव के है। यहां पर 20 पीएम आवास का लक्ष्य मिला था। जिसमें महज 10 हितग्राहियों को ही लाभ मिल सका है। वहीं 10 हितग्राही वंचित हो गए है। इधर, संबंधित विभाग को शिकायत करने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

जर्जर मकान में बिता रहे दिन-

ग्रामीण केशर बाई रिट्टू चैनलाल, हरलाल मोतीराम पुनाजी ने बताया कि वे करीब पांच दशक से घास भूमि में झोपड़ी बनाकर रहते है। प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में शामिल किया गया। एक वर्ष पूर्व ग्रामसभा में प्रस्ताव पास कर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जिला प्रशासन को घास की भूमि को आबादी घोषित करने की मांग की गई। इसके बाद भी उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है।

ये भी हितग्राही वंचित-

हितग्राही धनेन्द्र हट्टुलाल, अनिल बस्तीराम येमुला अन्य काफी वर्षों से दान की भूमि में निवास कर रहा है। प्रशासन द्वारा निर्धारित कोटा पूर्ण करने के चक्कर में इनकी भूमि का भी जियोटेक कर दिया गया है। जबकि उक्त भूमि सावनलाल की बताई जा रही है। उनके द्वारा लिखित सपथ दान- पत्र प्रशासन को दिया गया कि संबंधित हितग्राही को उन्होंने दान में भूमि दे चुका है।

उनके द्वारा कोई भी निर्माण कार्य किया जा सकता है। लेकिन आज तक हितग्राहियों के नाम उक्त भूमि नहीं चढ़ाई नहीं गई है। इन हितग्राहियों को पीएम आवास योजना से वंचित होना पड़ रहा है। इसी तरह शिवराम ब्रजलाल का भी यही हाल है जो गोठान की भूमि में रहता है।

पंचायत ने पास किया था प्रस्ताव पारित-

सरपंच शाहिद अली ने बताया कि पंचायत के सहसचिव द्वारा प्रशासन के निर्देशानुसार 10 हितग्राहियों का जियोटेक किया गया। लेकिन दान वाली भूमि, घास की भूमि, आदिवासी भूमि होने के कारण स्वीकृत आवास का लाभ इन हितग्राहियों को मिल रहा है।

जबकि पंचायत के द्वारा संबंधित भूमि को आवास भूमि घोषित करने के लिए 27 जून 2017 को स्थानीय प्रशासन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। जिसके बाद यह प्रकरण जिला प्रशासन के समक्ष विचाराधीन है। आज तक घास की भूमि को आबादी घोषित नहीं किया गया। आदिवासी भूमि का भी जियोटेक किया जा चुका है उसका भी संशोधन नहीं हो पााया है। इसके साथ ही दानकर्ता द्वारा 4 हितग्राही को दी गई। उन्होंने बताया कि पंचायत के सभी हितग्राहियों को हर आवास योजना का लाभ दिलाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि जियोटेक किए गए हितग्राही को लाभ मिल सके।


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