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न्यूज क्लिपिंग्स् | पढ़ने से ज्यादा पानी लाने में समय खर्च कर रहीं छात्रावासों की छात्राएं

पढ़ने से ज्यादा पानी लाने में समय खर्च कर रहीं छात्रावासों की छात्राएं

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published Published on Nov 17, 2017   modified Modified on Nov 17, 2017
श्योपुर-कराहल। पूरा जिला पेयजल संकट से जूझ रहा है। सबसे बुरे हालात कराहल और विजयपुर ब्लॉक में हैं। कराहल के कई गांव ऐसे हैं जहां ग्रामीणों को दो से तीन-तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है। स्कूल और छात्रावासों में लगे बोर-हैंडपंप भी सूख चुके हैं। इस कारण शिक्षण संस्थानों में भी सूखे का असर दिख रहा है। पानी के लिए छात्रावास के बच्चे भी इधर-उधर भटकने को मजबूर हो गए हैं। स्थिति यह हो गई है कि छात्रावासों में पढ़ रहे बच्चों का समय पढ़ाई से ज्यादा पानी का इंतजाम करने में खर्च हो रहा है।


कराहल के सबसे बड़े शिक्षा परिसर सीडब्ल्यूसी कैंपस में भी पानी की सुविधा नहीं है। इस कैंपस में मिडिल, प्राइमरी स्कूल से लेकर कई छात्रावास संचालित हैं। पानी के लिए यहां एक बोर व एक हैंडपंप है,लेकिन दोनों में पानी सूख चुका है। पीने के पानी के लिए पूरे परिसर में कोई सुविधा नहीं ऐसे में बच्चों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इससे भी बुरे हालात छात्रावासों के हैं।


कराहल के कस्तूरबा गांधी छात्रावास, सामुदायिक कल्याण केंद्र, अंग्रेजी आश्रम सहित तमाम छात्रावासों में पेयजल संकट है। छात्रावासों की बालिकाएं व बच्चे पानी के लिए आस-पास के हैंडपंपों पर निर्भर हो गए हैं। खास बात यह है कि, छात्रावासों में पेयजल की सुविधा का जिम्मा अधीक्षक का है लेकिन, अधिकांश छात्रावासों में बच्चियां सिर पर पानी ढो रही है। सुबह-शाम बच्चियों को पानी के लिए इधर-उधर भटकता देखा जा सकता है।


कई छात्रावास ऐसे जिनके आधे छात्र घर चले गए


जलसंकट के कारण छात्रावासों से बच्चे पलायन करने लगे हैं। कई छात्रावास ऐसे हैं जिनके आधे बच्चे गैर हाजिर हो गए हैं। कराहल में एक भी छात्रावास ऐसा नहीं जिसके सभी बच्चे उपस्थित हों। अनसुचित जनजाति कन्या शिक्षा परिसर कराहल में 103 छात्राएं दर्ज हैं लेकिन अब मात्र 60 ही मौजूद हैं। अनुसूचित जनजाति नवीन कन्या आश्रम में 50 में से 45 उपस्थित हैं। शा. अनुसूचित जनजाति प्री मैट्रिक छात्रावास में 100 में से 89 उपस्थित हैं। शासकीय समुदायिक कल्याण केंद्र में 60 में 38 उपस्थित हैं। शा. अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक में 30 में 20 बच्ची, शासकीय अनुसूचित कन्या प्री-मैट्रिक छात्रावास 50 में से 40, शा. पुराना कन्या आश्रम में 35 में से 20, अंग्रेजी आश्रम शाला में 50 में से 40, शासकीय बालक छात्रावास कराहल में 10 में से 80


बालिका छात्रावास कराहल 100 में से 80, विशेष पिछड़ी जनजाति कन्या छात्रावास में 50 में से 40, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 150 में से 115, खंड स्तरीय उत्कृष्ट प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास 100 में से 80 और अनुसूचित जनजाति खण्ड स्तरीय उत्कृष्ट छात्रावास में 50 में 35 उपस्थित हैं।


विजयपुर में बिगड़े हालात


सर्दी के दिनों में विजयपुर कस्बे में इस बार इतना भीषण संकट है कि कई मोहल्लों में दो से तीन दिन में एक बार पानी सप्लाई हो रहा है। ऐसे हालात देख लोग चिंतित हैं कि भीषण गर्मियों में क्या होगा। दूसरी समस्या यह है कि, विजयपुर के पानी का स्वाद भी लगातार बदलता जा रहा है। पानी से अजीब सी गंद आती है जो फिल्टर या प्यूरीफायर मशीन से भी दूर नहीं हो रही। कम बारिश के कारण विजयपुर में एक चौथाई बोरों ने पानी देना बंद कर दिया है। आधे से ज्यादा हैंडपंप सूख चुके हैं।


http://naidunia.jagran.com/madhya-pradesh/sheopur-water-problems-in-hostels-1405794?utm_source=naidunia&utm_medium=navigation


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