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न्यूज क्लिपिंग्स् | फूटा महंगाई बम,डीजल 5 रूपये महंगा

फूटा महंगाई बम,डीजल 5 रूपये महंगा

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published Published on Sep 14, 2012   modified Modified on Sep 14, 2012

हर वस्तुओं के दाम पर असर

डीजल में मूल्यवृद्धि के परिणामस्वरूप रांची में ग्राहकों को जहां अभी 43.18 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ते थे, वहीं अब 48.18 रुपये चुकाने होंगे. वहीं बाजार दर पर रसोई गैस की कीमतें लगभग 750 रुपये हो जायेगी. पेट्रोलियम कंपनियां प्रति माह रसोई गैस की कीमतों का निर्धारण करेगी.  इस मूल्यवृद्धि से कृषि लागत सहित  सभी प्रकार के वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो जायेगा. साथ ही ट्रक और बसों के किराये में भी वृद्धि होने की आशंका है.


वित्तीय घाटा कम होगा

सरकार का कहना है कि इन फैसलों को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील माना जा रहा है, पर इनसे पेट्रोलियम कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी. साथ ही केंद्र सरकार के वित्तीय घाटे को भी कम करने में मदद मिलेगी. बैठक के बाद जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सीसीपीए ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के ऊंचे दाम तथा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तेज गिरावट के कारण तेल का खुदरा कारोबार करनेवाली सरकारी कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में होनेवाली संभावित राजस्व हानि पर गौर किया और इसे ‘चिंताजनक स्थिति’ माना.

मंत्री ने दिया था संकेत

 

मालूम हो कि गत 11 सितंबर को ही तेल मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने कहा था कि डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की कीमत में बढ़ोतरी को ज्यादा टाला नहीं जा सकता है. उन्होंने वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात के बाद कहा था कि तेल उत्पादों की कीमत के संबंध में मुश्किल और तकलीफदेह फैसले लेने होंगे. कीमत में बढोतरी अपरिहार्य है.

घाटा होने का बहाना

इधर, दावा किया गया था कि  सरकारी तेल कंपनियों को नियंत्रित दर पर डीजल और रसोई गैस और अन्य ईंधन की बिक्री से रोजाना 560 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. पेट्रोल पर 16 करोड़ रुपए प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है. उनका कहना था कि कंपनियों को सरकारी नियंत्रण मुक्त उत्पाद पेट्रोल की बिक्री से छह रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है, लेकिन इसकी दर लागत के अनुरुप नहीं बढ़ी है.

मूल्यवृद्धि मजबूरी में की गयी है. सरकार को कुछ फैसले न चाहते हुए भी लेने पड़ते हैं. तेल कंपनियां भारी घाटे में चल रही हैं. यूरोजोन संकट के चलते सरकार को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा.

मनीष तिवारी, कांग्रेस


घाटे का रोना

560 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था सरकारी तेल कंपनियों को

16 करोड़ रुपये प्रतिदिन पेट्रोल पर हो रहा नुकसान


19.26 रुपये प्रति लीटर डीजल पर हो रहा कंपनियों को घाटा


34.34 रुपये प्रति लीटर केरोसिन तेल पर नुकसान उठा रही कंपनियां


347 रुपये प्रति सिलिंडर (14.2 किलो) हो रहा है कंपनियों को घाटा


6 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत बढ़ाने की मांग कर रही हैं तेल कंपनियां

भरपाई


प्रति परिवार एलपीजी की सीमा तय होने से चालू वित्त वर्ष में तेल कंपनियों की कमाई में संभावित नुकसान में 5,300 करोड़ रुपये की कमी होगी.

डीजल की कीमत में वृद्धि से तेल कंपनियों के संभावित राजस्व में नुकसान करीब 15,000 करोड़ रुपये कम होगा

पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 14.78 में 5.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की. इससे तेल कंपनियों को राहत मिलेगी

सरकारी तेल कंपनियों को 20,300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी. उनकी संभावित कमाई का नुकसान चालू वित्त वर्ष में 1.87 लाख करोड़ रुपये से घट कर 1.67 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान

रांची में डीजल 5.20 रुपये लीटर महंगा

साल में छह रसोई गैस सिलिंडर ही मिलेंगे

अब मार्च तक सब्सिडीवाले सिर्फ तीन सिलिंडर

अतिरिक्त सिलिंडर 746 रुपये देकर ले सकेंगे

ब्रांडेड डीजल सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया गया

पेट्रोल पर लगनेवाली एक्साइज डय़ूटी घटायी

बढ़ गया बस भाड़ा

रांची में बस संचालकों ने शुक्रवार से बस भाड़े में 20} तक बढ़ोतरी की बात कही है

डीजल ऑटो चालक भी बढ़ा सकते हैं भाड़ा

दाम बढ़ने के साइड इफेक्ट्स

मूल्यवृद्धि से कृषि लागत सहित सभी प्रकार की वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो जायेगा


ट्रक और बसों के किराये में भी वृद्धि हो जायेगी

25 बेसिस प्वाइंट तक मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की आशंका

रिजर्व बैंक को ब्याज दर में कटौती के अवसर मिलेंगे, उद्योग जगत भी बढ़ायेगा दबाव

यूपीए सरकार ने महंगाई की मार ङोल रही जनता के निवाले में डीजल छिड़क दिया है. इससे बेतहाशा महंगाई बढ़ेगी. हम इसके खिलाफ सड़क पर उतरेंगे, आंदोलन चलायेंगे. जितनी जल्दी हो, जनता को मनमोहन सरकार से निजात मिलनी ही चाहिए.

अनंत कुमार, भाजपा

हम नाखुश और हैरत में हैं, क्योंकि लंबे समय बाद यूपीए की समन्वय समिति गठित किये जाने के बावजूद हमसे सलाह लिये बिना इस प्रकार का फैसला किया गया. बिना किसी विचार-विमर्श के डीजल की कीमत पांच रुपये बढ़ा दी गयीं.

ममता बनर्जी, तृणमूल प्रमुख

डीजल का दाम बढ़ने से किसानों पर आफत आ जायेगी. महंगाई बेकाबू हो जायेगी.हम सरकार के इस फैसले के खिलाफ हल्लाबोल करेंगे.

मोहन सिंह, सपा

नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के दृष्टि से एक साहसिक निर्णय करते हुए सरकार ने आज डीजल के दामों में 5 रुपये प्रति लीटर की बडी वृद्धि की और रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी को प्रति परिवार प्रति वर्ष छह सिलेंडर तक सीमित कर दिया.

 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति (सीसीपीए) की बैठक में पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क में 5.30 पैसे की कमी करने का भी फैसला किया गया. पेट्रोल और केरोसीन के दाम फिलहाल नहीं बढाये गये हैं. पेट्रोलियम उत्पादों की नई दरें आज आधी रात से प्रभावी हो जाएंगी. इन फैसलों को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील माना जा रहा है पर इनसे पेट्रोलियम कंपनियों को बडी राहत मिलने का अनुमान है. साथ ही केंद्र सरकार के वित्तीय घाटे को भी कम करने में मदद मिलेगी.

बैठक के बाद जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सीसीपीए ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उंचे दाम तथा अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में तेज गिरावट के कारण तेल का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में होने वाली संभावित राजस्व हानि पर गौर किया और इसे ‘चिंताजनक स्थिति’ माना. मौजूदा दशा में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल की राजस्व हानि चालू वित्त वर्ष 1.87 लाख करोड से अधिक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था. सीसीपीए ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों के राजस्व हानि की भरपाई पूरी तरह न होने के कारण उन्हें नुकसान होता है.

सरकार के आज के निर्णय से तेल विपणन कंपनियों को मूल्य नियंत्रण व्यवस्था के कारण होने वाले राजस्व हानि में करीब 20,300 करोड रुपये की राहत मिलने की उम्मीद है. बावजूद इसके चालू वितत वर्ष इन कंपनियों की कमाई का नुकसान 1.67 लाख करोड रुपये रहने का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष 2011-12 में आयातित उत्पाद की तुलना में घरेलू बाजार में कीमतें कम रखने के कारण इन कंपनियों को सरकारी कंपनियों को करीब 1.39 लाख करोड रुपये की संभावित कमाई का नुकसान हुआ था.

सरकार ने कहा है कि डीजल के दामों में प्रति लीटर 5 रुपये की वृद्धि में वैट शामिल नहीं है. इस बढोतरी में 1.5 रुपये की वृद्धि उत्पाद शुल्क में वृद्धि के कारण हुई है. बाकी 3.50 रुपये प्रति लीटर तेल कंपनियों के खाते में जाएगा. इससे उन्हें चालू वित्त वर्ष में की शेष अवधि में 15,000 करोड रुपये का फायदा होने की उम्मीद है. इस वृद्धि के बाद भी डीजल पर उनकी संभावित राजस्व हानि 1.03 लाख करोड रुपये रह जाएगी. दिल्ली में डीजल का संशोधित मूल्य करीब 47 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा. इसमें 12.5 प्रतिशत वैट (मूल्य वर्धित कर) शामिल हैं.

सरकार ने ब्रांडेड डीजल को बाजार दर पर बेचने की अनुमति देने का फैसला किया है. दिल्ली में सब्सिडीशुदा रसोई गैस सिलेंडर का दाम 399 रुपये बना रहेगा. पर सरकार का अनुमान है कि पूरे देश में एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी सीमित करने के आज के निर्णय से तेल कंपनियों को 5033 करोड रुपये का फायदा होगा.


http://prabhatkhabar.com/node/207091?page=show


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