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न्यूज क्लिपिंग्स् | बजट 2020: पानी, रसोई और मकान को लेकर ग्रामीणों की क्‍या हैं उम्‍मीदें?

बजट 2020: पानी, रसोई और मकान को लेकर ग्रामीणों की क्‍या हैं उम्‍मीदें?

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published Published on Jan 27, 2020   modified Modified on Jan 27, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। इससे पहले जुलाई 2019 में बजट पेश किया गया था। उस वक्‍त बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था, ''महात्‍मा गांधी ने कहा था भारत की आत्‍मा इसके गांवों में बसती है। हमारी सरकार का केंद्र बिंदू भी गांव, गरीब और किसान है।'' सरकार के केंद्र बिंदू में गांव का होना इस लिए भी जरूरी है कि भारत में करीब 6.28 लाख गांव हैं। इन गांव में भारत की करीब 70 फीसदी आबादी रहती है। ऐसे में गांव कनेक्‍शन बता रहा है कि 2020 के बजट से ग्रामीणों की क्‍या अपेक्षाएं हैं। वित्‍त मंत्री ने अपने भाषण में खास तौर से उज्‍ज्‍वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और हर घर नल योजना का जिक्र किया था। हमने इन्‍हीं पर ग्रामीणों की राय ली है।
 
मकान की जरूरत
साल 2019 के स‍ितंबर महीने की बात है। उत्‍तर प्रदेश के हरदोई जिले के लालपालपुर गांव में एक खंडहर से मिट्टी के घर में 7 साल के बच्‍चे की मौत सांप काटने से हो गई थी। यह घर रिक्‍शा चालक पुत्‍तनलाल का था, जो अपने बच्‍चों के साथ जैसे तैसे इस घर में गुजर बसर कर रहे थे। पुत्‍तनलाल के बेटे को जब सांप काटा और और यह खबर मीडिया में आई तो आनन फानन में उसे आवास दिया गया। यह कहानी एक गांव की नहीं है। पुत्‍तनलाल जैसे लोग हर गांव में मिल जाते हैं, जो खंडहर से मिट्टी के घर में रहने को मजबूर हैं। जुलाई 2019 में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण' के दूसरे चरण में 2019-20 और 2020-21 के दौरान पात्र लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान दिए जाएंगे। इन घरों में बिजली, एलपीजी कनेक्शन और शौचालय उपलब्ध होगा। आवास को लेकर सरकार के प्रयास जमीन पर नजर भी आते हैं। गांवों में बहुत से लोगों को आवास के लिए सरकार की सहायता मिली है। लेकिन यह भी सच है कि बहुत से पात्र लोग इसके दायरे में नहीं आ पाए हैं। इसी बारे में उत्‍तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले की ग्राम पंचायत हसुड़ी औसानपुर के प्रधान दिलीप त्रिपाठी कहते हैं, अभी आवास के लिए सहायता 2011 की जनगणना के हिसाब से दी जा रही है, लेकिन तब से लेकर अब तक स्‍थ‍ित‍ि बहुत बदल चुकी है। जैसे घरों के बंटवारे हो चुके हैं, नए परिवार बन चुके हैं। ऐसे में 2011 की जनगणना में इनका जिक्र नहीं है। सरकार की ओर से नया सर्वे किया गया है, पर अभी तक उस सर्वे के हिसाब से नाम अपलोड नहीं हुए हैं। उस सर्वे के आधार पर आवास दिए जाएं तो बहुत से पात्र लोगों को लाभ मिल सकेगा।''
 
पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

रणविजय सिंह, https://www.gaonconnection.com/desh/union-budget-2020-what-rural-india-wants-in-terms-of-water-ujjwala-yojana-and-awas-yojana-46978


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