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न्यूज क्लिपिंग्स् | बागवानी की सब्जियां मुरझाई, वाइरस और फंगस का प्रकोप

बागवानी की सब्जियां मुरझाई, वाइरस और फंगस का प्रकोप

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published Published on Aug 10, 2014   modified Modified on Aug 10, 2014
वीरेंद्र भट्ट, पेटलावद। इस वर्ष मिर्च, करेला, भिंडी, तुरई, चौलाई आदि सब्जियों में वाइरस और फंगस का भंयकर प्रकोप हुआ है। खेत में इन फसलों के खड़े पौधे मुरझा कर काले पड़ गए हैं। महंगे फंगीसाइड व अन्य वाइरस नियंत्रक कीटनाशक छिड़कने के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा है। कर्ज से परेशान किसान फसल को उखाड़ने को मजबूर हैं।

भारी पड़ रही आधुनिक खेती।

पेटलावद क्षेत्र नकद फसल लेने व सब्जी उत्पादन करने में विशेष स्थान रखता है। किसानों ने इस बार हाईब्रीड बीज बोने के साथ अत्यधिक मात्रा में रसायनिक उर्वरक व कीटनाशकों का उपयोग किया, लेकिन यह फसल पर भारी पड़ रहा है।

जल्द ही मुनाफा कमाने के चक्कर में किसानों ने चार पांच सालों से रासायनिक खेती करना शुरू किया था। पैदावार बढ़ाने के लिए खेतों में बिना नाप तौल के रासायनिक उर्वरक डाले गए, जिससे भूमि का पीएच मान गड़बड़ा गया। पौधों में वाइरस, फंगस आदि संक्रामक रोगों से लड़ने की क्षमता खत्म हो गई, जिसके चलते खेतों में शिमला मिर्च, मिर्च, करेला, भिंडी, बंदगोभी आदि फसलें खेतों में सूखने लगी। इनको बचाने का कोई उपाय रासायनिक खेती पद्धति में नहीं मिल रहा है।

लाइलाज बीमारी

फसलों में लगने वाली भयानक ब्लाइट ब्लैक राड (डंडी वायरस) जैसी बीमारी से परेशाान किसान अंतत: खराब पौधों को खेत से उखाड़ कर फेंक रहे हैं। सारंगी, करवड़, रामगढ़, रायपुरिया आदि क्षेत्रों में कई बीघा में यह बीमारी देखी गई है। लगभग 100 बीघा से अधिक क्षेत्र में इस बीमारी के कारण लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

कर्ज चुकाना कठिन

फसल खराब होने से अब किसानों के सामने कर्ज चुकाने की समस्या आ गई है। उन्हें बैंक, बीज व कीटनाशक व्यापारियों के कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है।

विशेषज्ञ की राय

जैविक कृषि के जानकार तथा आंध्ररप्रदेश में समन्वित कीट व रोग प्रबंधन के काम से जुडे तारासिंह के अनुसार यदि छाछ, हल्दी पावडर व गौमूत्र के घोल की कुछ मात्रा फसल की जड़ों तक पहुंचाई जाए तो रोग पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है, यदि रोपण के समय पौधों की जड़ों को गाय के दूध में भिगो कर लगाया जाए तो यह रोग नहीं होगा।

किसानों की जुबानी

डंडी वायरस के कारण मिर्च की फसल बरबाद हो गई है। इससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। यदि सरकार नुकसानी का आकलन कर उचित मुआवजा दे तो ही किसान खड़ा हो सकेगा।

-ओमप्रकाश पाटीदार,बरवेट कृषक

फंगस से ग्रस्त फसल का किसी भी कीटनाशक से लाभ नहीं हो रहा है। हार कर किसान को फसल उखाड कर फेकना पड़ रही है।

-भेरूलाल सोलंकी,पेटलावद

अधिकारी की जुबानी

पेटलावद क्षेत्र में फंगस व वाइरस बीमारी का असर देखा जा रहा है। जिसके लिए दल को भेज कर फसल की जांच करवाई जाएगी।

-आशीष कनेश, जिला उद्यानिकी अधिकारी,झाबुआ


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