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न्यूज क्लिपिंग्स् | बाजार में नकदी संकट गहराया, हेलीकॉप्टर से लाये जा रहे हैं नोट

बाजार में नकदी संकट गहराया, हेलीकॉप्टर से लाये जा रहे हैं नोट

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published Published on Nov 11, 2016   modified Modified on Nov 11, 2016
नयी दिल्ली/पटना/रांची : नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कालेधन को खत्म करने के लिए 500 व 1000 के पुराने नोटों का सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने के बाद जनता परेशान है. सरकार द्वारा उनकी परेशानियां खत्म करने के लिए किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. बैंक व एटीएम के बाहर खड़े लोगों में से कुछ जहां नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग आशावादी भी हैं कि शायद सरकार के इस कदम से कालाधन खत्म हो जायेगा और आम आदमी की जिंदगी आसान हो जायेगी व देश का भला होगा. जापान यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के धैर्य को कल शाम ट्वीट कर सराहा भी था.

नोट बंदी के चौथे दिन और नोट बदली अभियान शुरू होने के दूसरे दिन भी देश में लोग नकदी के लिए परेशान हैं. देश की जनता नकदी के लिए त्राहिमाम कर रही है. कई छोटे दुकानदारों का कहना है कि उनकी बिक्री 50 से 60 प्रतिशत तक गिर गयी है, जबकि बड़े स्टोरों में लोगों की भीड़ कैश प्रवाह के अभाव में नजर नहीं आ रही है. डेविट व क्रेडिट कार्ड वालों के अलावा वहां कम संख्या में नकद खरीदारी करने वाले लोग जा रहे हैं.

देश के विभिन्न हिस्सों से आ रही खबरों के अनुसार, बैंकों के बाहर उनके खुलने से पहले ही ग्राहकों की लंबी कतार लग गयी, जबकि कई जगह लोग एटीएम के बाहर तड़के से ही कतार में खड़े नजर आये, जहां दोपहर हाेने से पहले नकदी खत्म हो गयी. झारखंड की राजधानी रांची में पड़ाेसी बिहार की राजधानी पटना से हेलीकॉप्टर के जरिये नोट मंगाया जा रहा है. कल झारखंड में 800 करोड़ रुपये के नोट आये थे जो नकदी प्रवाह को सुचारु बनाने में पर्याप्त साबित हुए. दिल्ली, लखनऊ, पटना, कोलकाता, भोपाल, बेंगलुरु, रांची जैसे प्रमुख शहरों व राज्य की राजधानियों में लोगों की लंबी कतारें सुबह से बैंक के बाहर लगी हैं. लोगों को नये नोट मिलने में लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं और ज्यादातर एटीएम में नोट नहीं हैं. बड़े शहर का जब यह हाल है तो छोटे शहरों में हो रही परेशानियों का सहज अनुमान लगाया जा सकता है, जहां नकदी प्रवाह उन्हीं शहरों के माध्यम से होना है.

उधर, जिनके घर में शादी विवाह है, उन्हें काफी परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है. ध्यान रहे कि देश के विभिन्न हिस्सों में लगन शुरू हो गया. लड़के वालों से अधिक लड़की वालों को परेशानी हो रही है. उन्हें बारात की व्यवस्था करने में या दूल्हे वाले के लिए अन्य व्यवस्था करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

नकदी प्रवाह नहीं होने से दिहाड़ी मजदूरों व असंगठित क्षेत्र के लोगों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. वैसे लोग जिन्हें घर का निर्माण करना है, वे अब बाजार से कारीगर व मजदूर नहीं ला पा रहे हैं, जिनसे उनकी कमाई प्रभावित हुई है. कई लोगों ने गृह निर्माण का कार्य टाल दिया है.


http://www.prabhatkhabar.com/news/delhi/story/890348.html


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