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न्यूज क्लिपिंग्स् | भारत को नागवार गुजरा ब्रिटिश मंत्री का बयान

भारत को नागवार गुजरा ब्रिटिश मंत्री का बयान

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published Published on Jun 15, 2010   modified Modified on Jun 15, 2010

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सर्व शिक्षा अभियान के लगभग आठ साल के इतिहास में ब्रिटेन सरकार की ओर से लगाए गए 480 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के सवाल को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार को ब्रिटेन का रवैया नागवार गुजरा है। अब वह इस मामले को विदेश और वित्त मंत्रालय के जरिए ब्रिटिश सरकार के सामने उठाएगी।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ किया कि अभियान पर खर्च हुए कुल 91,431 करोड़ रुपये में से अब तक ब्रिटेन की डीएफआईडी ने महज 2500 करोड़ रुपये [2.7 प्रतिशत] का ही भुगतान किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कहना है कि एक तो विश्व बैंक और ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विकास विभाग [डीएफआईडी] व यूरोपीय यूनियन जैसी वित्तीय संस्थाओं ने सर्व शिक्षा अभियान के लिए जो वित्तीय मदद दी, वह कोई अनुदान नहीं है। बल्कि एक तरह का कम ब्याज दर वाला कर्ज है। रही बात अभियान में भ्रष्टाचार की तो योजना पूरी तरह पारदर्शी रही है। समय-समय पर विश्व बैंक समेत भारत की दूसरी एजेंसियों से भी उसकी मॉनीटरिंग होती रही है। मॉनीटरिंग के लिए गठित संयुक्त समीक्षा मिशन में खुद डीएफआईडी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे हैं। खुद विश्व बैंक ने 800 नमूना सर्वे किए थे, जिनमें महज छह प्रतिशत धन के अन्य मदों में खर्च होने की बात सामने आई थी।

मंत्रालय को हैरत है कि इन स्थितियों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों के ब्रिटेन के मंत्री एंड्रयू मिचेल ने जिस तरह अभियान में भ्रष्टाचार का सवाल उठाया, वह तरीका सही नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि गड़बड़ियों के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह सब केंद्र और राज्य सरकारों की सतर्कता का ही नतीजा है कि दोषियों से धन की रिकवरी की गई है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज कराए गए। उसके बाद भी ब्रिटिश मंत्री का मामले की जांच कराने संबंधी सार्वजनिक बयान ठीक नहीं है। लिहाजा मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस मामले को अब विदेश और वित्त मंत्रालय के जरिए ब्रिटिश सरकार के सामने उठाएगा।

गौरतलब है कि ब्रिटिश सरकार ने भारत के महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देकर सर्व शिक्षा अभियान में भ्रष्टाचार का सवाल उठाया है। ब्रिटिश सरकार का आरोप है कि गरीबच्बच्चों की शिक्षा के लिए दिए गए धन का कार, एयरकंडीशनर, फैक्स और फोटोकॉपी मशीनें आदि खरीदकर दुरुपयोग किया गया।


http://in.jagran.yahoo.com/news/national/politics/5_2_6493594.html


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