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न्यूज क्लिपिंग्स् | यहां पैदा होने वाला हर तीसरा बच्चा सिजेरियन

यहां पैदा होने वाला हर तीसरा बच्चा सिजेरियन

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published Published on Apr 4, 2012   modified Modified on Apr 4, 2012
रायपुर. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में पैदा होने वाला हर तीसरा बच्चा सिजेरियन है। यहां 11 माह में 5616 बच्चों ने जन्म लिया। इनमें से नार्मल डिलीवरी 3756 व सिजेरियन डिलीवरी 1860 हुई। जिला अस्पताल में हर सातवां बच्चा ऑपरेशन से पैदा हुआ।

दूसरी ओर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सिजेरियन डिलीवरी से पैदा होने वाले बच्चों की संख्या काफी कम है। वहीं निजी अस्पतालों में ऑपरेशन से पैदा होने वाली बच्चों की संख्या सरकारी अस्पताल से काफी अधिक होने की संभावना है। यह खुलासा सीएमएचओ रायपुर की संस्थागत प्रसव रिपोर्ट में हुआ है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार ऑपरेशन से पैदा होने वाले बच्चों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल आंबेडकर की बात करें तो यहां हर दिन 10 से 15 बच्चे औसत पैदा होते हैं। इनमें हर तीसरा बच्चा ऑपरेशन से पैदा होता है। आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल 2011 से फरवरी 2012 तक 5616 डिलीवरी में 3756 डिलीवरी नार्मल हुई। बाकी बच्चे ऑपरेशन से पैदा हुए। स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता के कारण संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है। जननी सुरक्षा योजना व जननी-शिशु कार्यक्रम जैसी कल्याणकारी योजनाओं के कारण महिलाएं अस्पताल में बच्चों को जन्म दे रही हैं। आंकड़ों से लगता है कि शहरी क्षेत्रों में सिजेरियन डिलीवरी सामान्य बात हो रही है। डॉक्टरों के अनुसार अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी बढ़ने की वजह सरकार की संस्थागत प्रसव बढ़ाने की योजनाएं भी हैं।

निजी अस्पतालों में ज्यादातर ऑपरेशन से : सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा निजी अस्पतालों में ऑपरेशन से ज्यादा बच्चे पैदा हो रहे हैं। इसकी मुख्य वजह अतिरिक्त कमाई को माना जा रहा है। हालांकि सीएमएचओ कार्यालय में निजी अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों के आंकड़े उपलब्ध नहीं है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि ऑपरेशन से पैदा होने वाले बच्चों की संख्या सरकारी अस्पताल की तुलना में काफी अधिक हो सकती हैं। सामान्यत: निजी अस्पतालों में प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद डॉक्टर केस को जटिल बताकर परिजनों को ऑपरेशन से बच्चे पैदा करने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्वीकारते हैं कि निजी अस्पतालों में एक तरह से केस को ज्यादा ही जटिल बताकर ऑपरेशन से डिलीवरी कराई जाती है।

डब्ल्यूएचओ के मापदंड
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के मुताबिक 100 में सात महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन होना चाहिए। अस्पताल में आने वाली 100 गर्भवती महिलाओं में से सात का अगर सीजर ऑपरेशन नहीं हो रहा तो इसे डब्ल्यूएचओ के मापदंडों पर खरा नहीं माना जाता।

http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-every-third-child-born-in-the-cesarean-3057716.html


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