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न्यूज क्लिपिंग्स् | युवा भारत में रिकॉर्ड 35 फीसदी बढ़ी बुजुर्गों की संख्या, कौन हैं शीर्ष 5 राज्य?

युवा भारत में रिकॉर्ड 35 फीसदी बढ़ी बुजुर्गों की संख्या, कौन हैं शीर्ष 5 राज्य?

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published Published on Apr 22, 2016   modified Modified on Apr 22, 2016
पने युवाओें के दम पर विकास की नई कहानी लिखने की चाहत रखने वाले भारत में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या में रिकॉर्ड 35 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह अब तक सबसे अधिक वृद्धि है।

एक अंग्रेजी समाचार में छपी खबर के अपने युवाओें के दम पर विकास की नई कहानी कहानी लिखने की चाहत रखने वाले भारत में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या में रिकॉर्ड 35 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह अब तक सबसे अधिक वृद्धि है। अनुसार, सांख्यिकी मंत्रालय के गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या में पिछले दस वर्षों में 35.5 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2001 में इनकी संख्या 7 करोड़ 60 लाख थी जो 2011 में 10 करोड़ 30 लाख हो गई।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की महानिदेशक अमरजीत कौर का कहना है कि इन आंकड़ों को देखकर लगता है कि भविष्य में बुढ़ापा सबसे बड़ी सामाजिक चुनौती होगी।

आंकड़ों के अनुसार, देश के शीर्ष पांच राज्यों में केरल, गोवा, तमिलनाडु, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बुजुर्गों की संख्या अधिक है। केरल में कुल जनसंख्या का 12.6 फीसदी, गोवा में 11.2 फीसदी, तमिलनाडु में 10.4 फीसदी, पंजाब में 10.3 फीसदी और हिमाचल में 10.2 फीसदी 60 से अधिक उम्र के लोग हैं।

वहीं अगर सबसे कम बुजुर्ग लोगों की संख्या वाले राज्यों पर नजर डालें तो अरूणाचल में 4.6 फीसदी, मेघालय में 4.7 फीसदी, नागालैंड में 5.2 फीसदी, मिजोरम में 6.3 फीसदी और सिक्किम में 6.7 फिसदी लोग हैं।

2001 की तुलना में 2011 में भारत की आयु निर्भरता अनुपात ( बुजुर्गों की दूसरे पर निर्भरता) में भी वृद्धि हुई है। 2001 में यह 10.9 फीसदी थी लेकिन 2011 में बढ़कर 14.2 फीसदी हो गई। आयु निर्भरता अनुपात में 64 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों की 15 से 64 वर्ष तक के कामकाजी लोगों पर निर्भरता को दिखाया जाता है।

आयु निर्भरता अनुपात जापान में सबसे अधिक 42 फीसदी और बेल्जियम में 28 फीसदी है।

किसी भी सरकार को बुजुर्गों के स्वास्थ्य सुविधाओं और उनके पेंशन पर अधिक खर्च करना होता है। उदाहरण के तौर पर भारतीय रेलवे में 13 लाख 35 हजार पेंशनभोगी हैं। 2015 में रेलवे की ओर से जारी श्वेत पत्र में बताया गया था कि 2016-17 में पेंशन के मद में 39417 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वहीं, 2017-18 में इसके बढ़कर 46315 करोड़ होने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन देशों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है वे संसाधनों की होती कमी और बढ़ते खर्च का सामना करते हैं।

 


http://www.livehindustan.com/news/article/article1-60-plus-population-increased-in-india--528125.html


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