Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | लोकपाल की राह में सरकार का रोड़ा, फिर होगा आंदोलन!

लोकपाल की राह में सरकार का रोड़ा, फिर होगा आंदोलन!

Share this article Share this article
published Published on May 31, 2011   modified Modified on May 31, 2011
नई दिल्ली. भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति में शामिल सिविल सोसाइटी के सदस्यों को केंद्र सरकार के रुख को लेकर खासी नाराजगी है। मसौदा तैयार कर रही समिति के सदस्य के अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ड्राफ्ट समिति की बैठक के बाद कहा कि अहम मसलों पर सरकार का रुख बहुत निराशाजनक है। उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर 6 जून को होने वाली बैठक में सरकार अपने रुख में बदलाव नहीं करती है और अहम मुद्दों पर आम राय नहीं बनती है तो हम इस समिति से हट जाएंगे।

गौरतलब है कि मशहूर गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अप्रैल में अनशन कर सरकार को लोकपाल बिल पास कराने के लिए मजबूर कर दिया था। हजारे के अलावा ड्राफ्ट समिति में अरविंद केजरीवाल, शांतिभूषण, प्रशांत भूषण और संतोष हेगड़े शामिल हैं। 

अरविंद ने कहा कि लोकपाल के ड्राफ्ट को तैयार करने की समय सीमा अब भी 30 जून है। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि लोकपाल बिल के दायरे में प्रधानमंत्री, सीबीआई, सीवीसी, न्यायपालिका, सेना और चुनाव आयोग शामिल हों। लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। सरकार यह भी नहीं चाहती है कि सांसदों को इस प्रस्तावित कानून से बाहर रखा जाए। केंद्र ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों के नीचे के नौकरशाहों को भी लोकपाल के दायरे से बाहर रखना चाहती है। लेकिन फिर ऐसे लोकपाल का मतलब क्या रह जाएगा? मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि इस कानून के दायरे में कौन है?' अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन मुद्दों पर अपने रुख को लेकर सरकार सार्वजनिक तौर पर बयान दे।

अरविंद केजरीवाल ने एक निजी टीवी चैनल से कहा कि सोमवार को अहम मसलों पर सरकार का रुख बेहद निराशाजनक रहा। उन्होंने कहा कि सोमवार की बैठक में जब भी हम अहम मसलों पर बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे, हमें निराश होना पड़ रहा था। केजरीवाल से जब पूछा गया कि ये क्या उनकी निजी राय है या फिर सिविल सोसाइटी के अन्य नुमांइदों की भी यही राय है? इस पर केजरीवाल ने कहा कि ड्राफ्ट समिति के नुमाइंदों की राय में कोई अंतर नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता केजरीवाल ने कहा कि हम एक मजबूत लोकपाल बिल के लिए काम कर रहे हैं और इसके लिए हर संभव कदम उठाएंगे और अंतिम समय तक इसके लिए सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं, बशर्ते सरकार अपने रवैये में तब्दीली लाए।

समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने भी सोमवार की बैठक में सरकार के रुख को निराशाजनक करार दिया। वहीं, ड्राफ्ट समिति के सदस्य शांतिभूषण ने भी आम राय न बनने की स्थिति में वॉक आउट करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दखल देनी चाहिए। उधर, कांग्रेस ने सिविल सोसाइटी के सदस्यों की ओर से वॉक आउट करने की चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।

गौरतलब है कि लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रही समिति की सोमवार को हुई बैठक में कुछ भी सार्थक नतीजा सामने नहीं आया। सरकार ने सिविल सोसाइटी के तरफ से आ रहे उस प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसमें लोकपाल के कानूनी दायरे में प्रधानमंत्री को भी लाने की बात कही गई है। ड्राफ्ट समिति के मुताबिक सरकार ने यह भी साफ किया है कि बिल का मसौदा जून तक तैयार नहीं होगा। यानी 15 अगस्‍त तक बिल पारित किए जाने की अन्‍ना की मांग भी सरकार ने खारिज कर दी। अन्‍ना कह चुके हैं कि अगर 15 अगस्‍त तक बिल पारित नहीं हुआ तो वह फिर आंदोलन करेंगे।

http://www.bhaskar.com/article/NAT-kejriwal-gives-open-threat-to-government-2146925.html?HT2=


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close