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न्यूज क्लिपिंग्स् | विदेश की कंपनियों को भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं पीएसयू

विदेश की कंपनियों को भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं पीएसयू

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published Published on Apr 12, 2017   modified Modified on Apr 12, 2017
भारत में निजी कंपनियों को कड़ी टक्कर देते हुए शानदार प्रदर्शन करने वाले पीएसयू का जलवा विदेशों में भी कायम रहा है। खासतौर से पेट्रोलियम कंपनियों ने तो तेल खनन के मामले में नित नए रिकॉर्ड बनाए हैं। ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, गेल, और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियों ने विदेशों में अपने प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।


साथ मिलकर टक्कर देंगे
विदेशी मंच पर दिग्गज कंपनियों को कड़ी टक्कर के इरादे से पीएसयू ने साथ आने का इरादा बनाया है। हाल में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 13 पीएसयू के विलय का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत तेल व गैस सेक्टर के पीएसयू मिलकर देशी-विदेशी कंपनियों से मुकाबला करेंगे। फिंच ने माना, विलय से मजबूत होंगे पीएसयू : अंतरराष्ट्रीय रेटिंग कंपनी फिंच का भी मानना है कि सभी बड़ी कंपनियों के विलय से भारत का दावा अंतरराष्ट्रीय मंच पर बहुत ज्यादा मजबूत होगा। इस विलय से बचत के साथ बल्कि प्रोजेक्ट को पूरा करने में भी कम समय लगेगा। ‘एकजुट' पीएसयू से टक्कर लेना निजी कंपनियों के लिए भी मुश्किल होगा।


18 से ज्यादा कंपनियां
देश में वर्तमान में 18 से ज्यादा सरकार द्वारा नियंत्रित तेल कंपनियां हैं। इनमें से ऑयल इंडिया, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, ओएनजीसी, गेल इंडिया, नैचुरल गैस कॉरपोरेशन अहम कंपनियां हैं। शीर्ष-8 सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्य 80 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है। अगर ये कंपनियां साथ आती हैं, तो इनका बाजार मूल्य दुनिया में नौंवे नंबर पर आ जाएगा।


एसबीआई : दुनिया में 45वें नंबर पर
हाल में पांच सहायक बैंकों से विलय करने के बाद भारतीय स्टेट बैंक दुनिया के शीर्ष-50 बैंकों में शुमार हो गया है। 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के साथ वह विश्व में 45वें नंबर पर पहुंच गया है। 22,500 शाखाओं के साथ देश में तो पहले ही इसका डंका बजता है।


दुनियाभर में प्रशंसक
- भारतीय स्टेट बैंक संभवत: दुनिया का पहला ऐसा बैंक है, जिसके फेसबुक पर एक करोड़ से ज्यादा प्रशंसक हैं।
- एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य को हाल में फॉर्चून-50 शीर्ष महान लीडर की सूची में शामिल किया। महान लीडर की सूची में वह 26वें नंबर पर रहीं।


बढ़ते कदम
अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया समेत 25 देशों में प्रोजेक्ट
भारतीय पेट्रोलियम व गैस क्षेत्र के पीएसयू अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, ईरान, इराक समेत 25 देशों में प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। अकेले ओएनजीसी विदेश17 देशों में वह 37 प्रोजेक्टों पर काम कर रहा है। यही नहीं उसने इस साल रिकॉर्ड 501 कुंओं की खुदाई क८ी।


08 प्रोजेक्ट म्यांमार में चल रहे थे वर्ष 2016-17 में पेट्रोलियम व गैस के क्षेत्र में
127 गहरे समुद्री क्षेत्र में स्थित कुओं में चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम किया ओएनजीसी ने
23.9 फीसदी हिस्सेदारी रूस के वेन्कोर ऑयल ब्लॉक में भारतीय कंपनियों की


प्रगति की मिसाल
- एनटीपीसी
वर्ष 1975 से ऊर्जा उत्पादन में अहम योगदान दे रही इस कंपनी को 2010 में महारत्न का दर्जा मिल चुका है। फोर्ब्स ग्लोबल-2000 रैंकिंग में भी यह 400वें नंबर पर रही। ऊर्जा उत्पादन में इसका योगदान करीब 24 फीसदी है।


- भेल
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड रेलवे, ऊर्जा, रक्षा, अक्षय ऊर्जा, पेट्रोलियम व गैस और जल के क्षेत्र में 1964 से अपना योगदान दे रहा है। नित नई सफलता हासिल करने वाली इस कंपनी के प्रोजेक्ट 80 देशों में फैले हैं।

- हिन्दुस्तान पेट्रोलियम
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड फोब्र्स-2000 और ग्लोबल फॉर्चून-500 कंपनी में शामिल है। कच्चे तेल के उत्पादन में 40% योगदान देने वाली इस कंपनी का पिछले साल दूसरी तिमाही का लाभ 701 करोड़ रुपये था।

- इंडियन ऑयल
पूर्वोत्तर में तेल खनन के लिए 1959 में कंपनी की शुरुआत की गई। वर्तमान में कंपनी की कुल पूंजी 2000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कंपनी अब तक एक लाख वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा खनन कर चुकी है।

मुख्य अतिथि

नितिन गडकरी: अटकी परियोजनाएं शुरू हुईं
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी बुधवार को होने वाले ‘हिन्दुस्तान रत्न पीएसयू अवॉर्ड' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। उनकी तारीफ़ उनके सहयोगी ही नहीं बल्कि विपक्ष के लोग भी करते रहे हैं। वह काम के मामले में धुन के पक्के हैं। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क निर्माण में तेजी आई। वर्ष 2013 में औसत सात किलोमीटर सड़क प्रतिदिन की तुलना में अब रोजाना 20-22 किमी सड़क निर्माण का काम हो रहा है। इस साल के लिए उन्होंने 30 किमी प्रतिदिन का लक्ष्य रखा है। जो परियोजनाएं पैसे की कमी से जूझ रही थीं उनके लिए पैसे का इंतजाम किया। लापरवाह कंपनियों के अनुबंध समाप्त किए। साढे़ तीन लाख करोड़ रुपए की रुकी परियोजनाओं में से ज्यादातर में वह काम शुरू करवा चुके हैं।

लाभ में देश के बंदरगाह
- रेल और समुद्री मार्ग को जोड़ने से कोल इंडिया का उत्पादन 60 से बढ़कर 300 मिलियन टन हो गया।
- 6000 करोड़ रुपये का लाभ देश के बंदरगाहों ने पिछले साल कमाया।
- एक लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश के साथ गडकरी के नेतृत्व में सभी बंदरगाहों के आधुनिकीकरण का काम शुरू।


http://www.livehindustan.com/news/business/article1-psu-give-tough-competition-to-foreign-competition-780045.html


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