Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | शिकार नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के कारण विलुप्त हुए ऊनी गैंडे : शोध

शिकार नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के कारण विलुप्त हुए ऊनी गैंडे : शोध

Share this article Share this article
published Published on Aug 17, 2020   modified Modified on Aug 17, 2020

-डाउन टू अर्थ,

अंतिम हिमयुग के अंत में ऊनी मैमथ, गुफा में रहने वाले शेरों, और ऊनी गैंडों जैसे प्रागैतिहासिक मेगाफ्यूना के दुनिया भर में विलुप्त होने को, अक्सर प्रारंभिक रूप से मनुष्यों के विस्तारवाद को जिम्मेदार ठहराया गया है। बड़े जानवरों को मेगाफ्यूना के रूप में जाना जाता है।

अध्ययन में दावा किया गया है कि ऊनी गैंडों के विलुप्त होने का एक कारण जलवायु परिवर्तन है। यह अध्ययन  करंट बायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

इन बड़े शाकाहारियों (मेगाहर्बिवोर्स) में से 14 के प्राचीन डीएनए की अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) करके, शोधकर्ताओं ने पाया कि साइबेरिया से गायब होने से कुछ हजार साल पहले तक ऊनी गैंडों की आबादी स्थिर और विविधता से भरी हुई थी। ठंड में रहने वाले ये प्रजातियां बढ़ते तापमान को सहन नहीं कर पाए और विलुप्त हो गए।

शुरू में माना गया था कि मनुष्य चौदह या पंद्रह हजार साल पहले उत्तर पूर्वी साइबेरिया में दिखाई दिया था, तभी ऊनी गैंडे विलुप्त हो गए थे।

शोधकर्ता लव डेलेन ने कहा हाल ही में, कई पुरानी मानव के रहने वाली जगहों की खोजें हुई हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध लगभग तीस हजार साल पुरानी है। इनमें ऊनी गैंडों के गिरावट से विलुप्त होने तक इन क्षेत्रों में मनुष्यों की पहली उपस्थिति बहुत अधिक मेल नहीं खाती है। लव डेलेन सेंटर फॉर पलेओएोजेनेटिक्स के प्रोफेसर है। यह शोध स्टॉकहोम विश्वविद्यालय और प्राकृतिक इतिहास का स्वीडिश संग्रहालय ने मिलकर किया है।

साइबेरिया में ऊनी गैंडों की आबादी और स्थिरता के बारे में जानने के लिए, शोधकर्ताओं ने 14 गैंडों के ऊतक, हड्डी और बालों के नमूनों के डीएनए का अध्ययन किया। सेंटर फॉर पेलोजेनेटिक्स के सह-शोधकर्ता एडाना लॉर्ड कहते हैं हम एक पूर्ण परमाणु जीनोम का अनुक्रम करते हैं, जो उस समय की जनसंख्या के आकार का अनुमान लगाते हैं। हमने मादा प्रभावी आबादी के आकार का अनुमान लगाने के लिए चौदह माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम भी अनुक्रमित किए है।

इन जीनोमों की हेटेरोज़ायोसिटी, या आनुवंशिक विविधता को देखकर, शोधकर्ता विलुप्त होने से हजारों वर्षों पहले के ऊनी गैंडों की आबादी का अनुमान लगा सकते हैं। सेंटर फॉर पलेओगेनेटिक्स के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता निकोलस ड्युसेक्स कहते हैं कि हम जनसंख्या के आकार में परिवर्तन की जांच कर सकते हैं और इसका अनुमान भी लगा सकते हैं। हमने पाया कि कुछ 29 हजार साल पहले ठंड की अवधि में जनसंख्या के आकार में वृद्धि के बाद, ऊनी गैंडों की आबादी का आकार स्थिर हो गया था और इस समय इनके बीच, सजाति प्रजनन भी कम हो रहा था।

यह स्थिरता तब तक बनी रही जब तक कि इंसानों ने साइबेरिया में रहना शुरू नहीं कर दिया, गिरावटों के विपरीत, यह आशंका जताई गई थीं कि शिकार के कारण ऊन वाले गैंडे विलुप्त हो गए थे। लॉर्ड कहते है कि यह दिलचस्प बात है -हमें वास्तव में 29 हजार साल बाद आबादी के आकार में कमी नहीं दिखाई देती है। हमने जो आंकड़े देखे, वह केवल 18,500 साल पहले के हैं, जो उनके विलुप्त होने से लगभग 4,500 साल पहले के हैं, इसलिए इसका मतलब है कि उस अंतराल में ऊनी गैंडों में कुछ गिरावट आई थी।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


दयानिधि, https://www.downtoearth.org.in/hindistory/climate-change/climate-crisis/woolly-rhinoceros-extinct-due-to-climate-change-research-72878


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close