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न्यूज क्लिपिंग्स् | सीवेज और कचरा निस्तारण न करने के लिए एनजीटी ने राज्यों पर लगाया करीब 80 हजार करोड़ का जुर्माना

सीवेज और कचरा निस्तारण न करने के लिए एनजीटी ने राज्यों पर लगाया करीब 80 हजार करोड़ का जुर्माना

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published Published on Jul 6, 2023   modified Modified on Jul 6, 2023

डाउन टू अर्थ, 6 जुलाई 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीवेज उपचार और कूड़ा-कचरा निस्तारण के नियमों का पालन न करने और आदेशों का उल्लंघन करने के लिए राज्य और संघ प्रदेशों पर अब तक करीब 80 हजार करोड़ रुपए का बड़ा जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने पाया कि राज्यों और संघ प्रदेशों द्वारा सीवेज का उपचार करने और ठोस कचरे का निस्तारण करने में बड़ा गैप है। मसलन, 26,000 एमएलडी तरल अपशिष्ट और 56,000 टन प्रति दिन ठोस कचरे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। साथ ही 18 करोड़ टन लीगेसी वेस्ट भी राज्यों के जरिए नहीं निपटाया गया है। 

जुर्माने की इतनी बड़ी राशि को राज्यों के मुख्य सचिवों के शपथपत्र व एनजीटी के जरिए खुद दिए गए आदेशों के तहत जोड़ा गया है। डाउन टू अर्थ ने 28 अक्तूबर, 2022 को अपने एक विश्लेषण में बताया था कि महज पांच महीने के भीतर (मई से अक्तूबर, 2022) में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिर्फ सात राज्यों पर करीब 30 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना राज्यों पर लगाया था। 

80 हजार करोड़ के जुर्माने में 50 फीसदी से ज्यादा जुर्माना अकेले 4 राज्यों पर लगाया ग़या है I 

सर्वाधिक जुर्माना तमिलनाडु पर 15419.71 करोड़ फिर महाराष्ट्र पर 12000 करोड़ रुपए का जुर्माना और मध्य प्रदेश पर  9688 करोड़ रुपए और उत्तर प्रदेश पर 5000 करोड़ का जुर्माना लगाया गया हैI 
पूरी रपट- डाउन टू अर्थ


डाउन टू अर्थ, 6 जुलाई https://www.downtoearth.org.in/hindistory/sanitation/waste-management/ngt-imposed-a-fine-of-about-80-thousand-crores-on-states-for-not-disposing-of-sewage-and-garbage-90417
 

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