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न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकार गेहूं निर्यात के लिए वार्ता करेगी प्राइवेट निर्यातकों से

सरकार गेहूं निर्यात के लिए वार्ता करेगी प्राइवेट निर्यातकों से

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published Published on May 16, 2013   modified Modified on May 16, 2013
केंद्रीय पूल से प्राइवेट निर्यातकों के जरिये गेहूं निर्यात करने का सरकार का सपना साकार नहीं हो पा रहा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को गेहूं निर्यात के लिए तीसरी बार मांगी गई निविदा में भी रेस्पांस नहीं मिला। प्राइवेट निर्यातकों की गेहूं निर्यात में बेरुखी को देखते हुए सरकार ने 17 मई को उनकी बैठक बुलाई है।

इस बैठक में प्राइवेट निर्यातकों की बेरुखी की वजह समझने का प्रयास होगा। निर्यात के लिए सरकार द्वारा गेहूं का ऊंचा मूल्य तय किए जाने की वजह से निर्यातक दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि एफसीआई को प्राइवेट निर्यातकों के माध्यम से गेहूं निर्यात के लिए तीसरी बार भी कोई निविदा प्राप्त नहीं हुईं। इसलिए सरकार ने इसकी वजह समझने के लिए 17 मई को प्रावेट निर्यातकों की बैठक बुलाई है।

बैठक में प्राइवेट निर्यातकों के सामने गेहूं निर्यात में आ दिक्कतों को दूर करने पर विचार किया जाएगा। खाद्य मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में करीब 32 निर्यातकों के भाग लेने की संभावना है।

गेहूं की निर्यातक फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पूल से प्राइवेट निर्यातकों को सरकार महंगे दाम पर गेहूं दे रही है जबकि उत्पादक राज्यों की मंडियों से सस्ता गेहूं मिल रहा है।

एफसीआई ने पंजाब और हरियाणा के गोदामों से गेहूं निर्यात के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,484 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि इसमें बंदरगाह पहुंच करीब 150 रुपये प्रति क्विंटल की परिवहन लागत और 70 रुपये प्रति क्विंटल का बंदरगाह पर खर्च (लोडिंग, स्टोरेज और अन्य खर्च) को मिलाकर भाव 1,700 रुपये प्रति क्विंटल बैठता है।

इसके उलट निर्यातकों को उत्पादक राज्यों की मंडियों से बदरगाह पहुंच 1,600-1,640 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच मिल रहा हैं। वैसे भी एफसीआई निर्यातकों को वर्ष 2011-12 विपणन सीजन का गेहूं देगी जबकि उत्पादक राज्यों से निर्यातकों को चालू रबी फसल सीजन का गेहूं मिल रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में गठित उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) ने 7 मार्च को प्राइवेट निर्यातकों को केंद्रीय पूल से 50 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी थी, लेकिन अभी तक निर्यात शुरू ही नहीं हो पाया है।

केंद्रीय पूल से सार्वजनिक कपंनियों पीईसी, एमएमटीसी और एसटीसी को भी सरकार ने 45 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे रखी है जिसमें से करीब 40 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे हो चुके हैं।

केंद्रीय पूल मेें पहली मई को गेहूं का 372.48 लाख टन का स्टॉक मौजूद था जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चालू रबी सीजन 2013-14 की खरीद जारी है।


http://business.bhaskar.com/article/BIZ-the-government-will-negotiate-to-export-wheat-from-private-exporters-4265051-NOR.html


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