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न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकार ने जारी की सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना

सरकार ने जारी की सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना

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published Published on Jul 3, 2015   modified Modified on Jul 3, 2015
नयी दिल्ली : देश के सिर्फ 4.6 प्रतिशत ग्रामीण परिवार आयकर देते हैं जबकि वेतनभोगी ग्रामीण परिवारों की संख्या 10 प्रतिशत है. यह बात आज पिछले आठ दशक में पहली बार जारी सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना में कही गई. सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 में कहा गया कि आयकर देने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों की संख्या 3.49 प्रतिशत है जबकि अनुसूचित जनजाति के ऐसे परिवारों की संख्या मात्र 3.34 प्रतिशत है. यह जनगणना जारी करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि इस आंकडे से सरकार को बेहतर नीति नियोजन में मदद मिलेगी.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘योजनाओं की विशालता और हर सरकार की पहुंच को देखते हुए इस दस्तावेज से हमें नीति नियोजन के लिहाज से लक्षित समूह को सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी.'' उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज से भारत की वास्तविकता जाहिर होगी और यह सभी नीतिनिर्माताओं, केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा. गौरतलब है कि 1932 के बाद यह पहली जनगणना है जिसमें क्षेत्र विशेष, समुदाय, जाति एवं आर्थिक समूह संबंधी विभिन्न किस्म के ब्योरे हैं और भारत में परिवारों की प्रगति का आकलन किया गया है.


http://www.prabhatkhabar.com/news/delhi/government-releases-socio-economic-census/501508.html


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