Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकारी लेटलतीफी के चलते गरीबों के मकान 1 लाख रु. महंगे

सरकारी लेटलतीफी के चलते गरीबों के मकान 1 लाख रु. महंगे

Share this article Share this article
published Published on Aug 11, 2011   modified Modified on Aug 11, 2011
भोपाल। केंद्र सरकार की दो योजनाओं के तहत प्रदेश में गरीबों के लिए बन रहे 60 हजार मकानों की लागत 578 करोड़ रुपए बढ़ गई है। यह भार हितग्राहियों पर ही आने वाला है। पहले उन्हें मात्र 13 हजार में मकान दिया जा रहा था। अब उसे 1 लाख 13 हजार रुपए चुकाने होंगे। उधर केंद्र ने अतिरिक्त राशि देने से पहले ही इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।

इस राशि का इंतजाम करने के लिए नगरीय निकाय लोन ले रही हैं। केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने मप्र की मलिन बस्ती में रहने वालों को मकान मुहैया कराने के लिए बेसिक सर्विसेस फॉर अर्बन पुअर (बीएसयूपी) व इंटीग्रेटेड हाउसिंग स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएचएसडीपी) नाम से दो प्रोजेक्ट शुरू किए थे। ये प्रोजेक्ट वर्ष 2005 में स्वीकृत किए थे। दोनों योजनाएं पूरी होने के लिए अब सिर्फ एक साल बचा है, लेकिन लक्ष्य के मुकाबले 30 प्रतिशत मकान भी नहीं बन पाए हैं।

सीएम के निर्देश पर काउंटर गारंटी
कमिश्नर - कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया गया था कि गरीबों के मकानों की लागत बढ़ने से दोनों योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कत आ रही है। चौहान ने निकायों को लोन के लिए राज्य शासन की काउंटर गारंटी देने के निर्देश वित्त विभाग को दिए हैं।

बढ़ती गई लागत, दूर होती गई योजना
केंद्र सरकार ने आईएचएसडीपी योजना के तहत एक मकान की सीलिंग (लागत) 80 हजार रुपए तय की थी, लेकिन मकानों का निर्माण समय पर शुरू नहीं हो पाने से लागत बढ़ गई। इस पर नगरीय प्रशासन व विकास विभाग ने वर्ष 2009 में केंद्र को सीलिंग बढ़कर एक लाख करने का प्रस्ताव भेजा था। जिसे केंद्र ने मंजूरी दे दी, लेकिन अब लागत दो गुना हो गई है। यानी एक मकान की लागत लगभग एक लाख रुपए बढ़ गई है।

इसी तरह बीएसयूपी के लिए सीलिंग नहीं थी, लेकिन निकायों द्वारा मकान की लागत 1.10 लाख रुपए के हिसाब योजना के लिए राशि स्वीकृत कराई थी। इंदौर में मकान की लागत 1 लाख 65 हजार रुपए और भोपाल, उज्जैन और जबलपुर में 1-1 लाख रुपए बढ़ गई है।

ऐसे समझें बढ़ी लागत
एक मकान की लागत 1 लाख रुपए तय की गई थी। इसमें से 13 हजार रुपए हितग्राही को देना था। शेष राशि 87 हजार रुपए अनुदान के रुपए में केंद्र, राज्य व निकाय से मिलने थे। अब मकान की लागत 2 लाख रुपए हो गई है। दोनों सरकार ने अनुदान की राशि नहीं बढ़ाई। ऐसे में हितग्राही को 1 लाख 13 हजार रुपए देने होंगे।

मकान मॉडगेज करने की योजना
योजना के मुताबिक हितग्राही को अपना अंशदान 30 हजार रुपए तक बैंक से लोन लेकर देना था, लेकिन मकान की लागत बढ़ने से इससे अधिक राशि देने से हाथ पीछे खींच लिए है। नगरीय प्रशासन ने अब एक प्रस्ताव ऐसा तैयार किया जिसमें हुडको से लोन लेकर मकानों का निर्माण पूर्ण कराया जाए तथा बाद में मकान मॉडगेज कर बैंक से हितग्राही को लोन दिया जाए।

http://www.bhaskar.com/article/MP-BPL-1-lakh-houses-for-the-poor-state-due-to-the-slow-pace-2346932.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close