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न्यूज क्लिपिंग्स् | सड़ रहा है किसानों का गेंहू

सड़ रहा है किसानों का गेंहू

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published Published on Jul 19, 2010   modified Modified on Jul 19, 2010

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। मेरे देश की धरती सोना उगले..। किसानों ने तो खून-पसीना एक कर सोना यानी गेहूं उपजाया और सरकार के हवाले कर दिया। लेकिन अब सरकार है कि इस सोने को सहेज नहीं पा रही है। हजारों-लाखों टन गेहूं भंडारण के अभाव में जहां-तहां खुले में पड़ा है। बारिश-बाढ़ की चपेट में आकर सड़ रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति हरियाणा में हैं।

हरियाणा में 40 लाख टन गेहूं बर्बाद: हरियाणा में बारिश और बाढ़ की चपेट में आकर 40 लाख टन गेहूं पूरी तरह बर्बाद हो गया है। सबसे ज्यादा नुकसान इस्माईलाबाद, पिहोवा, जुंडला, नग्गल और ढांड में हुआ है। इसके बाद भी सरकार चेती नहीं है। 55 लाख टन गेहूं अब भी बर्बादी के कगार पर है, खुले में पड़ा है। सबसे अधिक 22 लाख टन गेहूं हैफेड में तकरीबन लावारिस हाल पड़ा है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का 15 लाख टन गेहूं भी बर्बादी के करीब है। काबिलेगौर है कि हरियाणा में मात्र 15 लाख टन गेहूं के ही सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था है।

5400 टन गेहूं पशुओं के लायक भी नहीं: पंजाब के फिरोजपुर में 5,000 टन गेहूं खुले में चबूतरों पर पड़ा है। यह गेहूं भारतीय खाद्य निगम का है। स्टोरेज मैनेजर सुरजीत सिंह का कहना है गेहूं को पन्नियों से ढका गया है। हालांकि पिछले हफ्ते भारी बारिश से फाजिल्का समेत जिले में विभिन्न खरीद एजेंसियों का सैकड़ों क्विंटल अनाज पूरी तरह से भीग गया। बठिंडा जिले में कहीं-कहीं पुराने गेहूं की हालत खराब हो चुकी है। रामपुरा में पड़े पनग्रेन के 5400 टन गेहूं को सरकार खारिज कर चुकी है, जो पशुओं के खाने लायक भी नहीं रह गया।

चावल का मारा गेहूं: उत्तराखंड में गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन कुमाऊं मंडल के अंतर्गत तराई में होता है। यहां 8,219 टन गेहूं खुले में पड़ा है। दो-चार दिन की मूसलधार बारिश इस गेहूं को चौपट कर सकती है। यहां लक्ष्य 1.10 लाख टन के विपरीत 82,912 टन गेहूं ही खरीदा जा सका है। गोदामों की संख्या भी पर्याप्त है। फिर भी गेहूं खुले में पड़ा है। इसकी वजह है गोदामों में पहले ही ठसासठ भरा पड़ा चावल।

गोदाम ठस, चबूतरों का ही भरोसा: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, सीतापुर, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बाराबंकी में भारतीय खाद्य निगम के गोदामों की क्षमता 55 हजार टन है। गोदाम भर जाने के बाद परिसर में बने चबूतरों पर 24 हजार टन गेहूं को भगवान भरोसे खुले में छोड़ दिया गया है। जिन प्लास्टिक कवर से गेहूं को ढका गया है, वह जगह-जगह से फटे हुए हैं। मई में हुई हल्की बारिश में ही यह गेहूं भीग गया था। गोंडा में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में सैकड़ों क्विंटल गेहूं सड़ गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में हालात बद से बदतर हैं। एफसीआई गोदाम में क्षमता से अधिक गेहूं भरा हुआ है। खुले आसमान के नीचे करीब तेरह हजार टन गेहूं सड़ रहा है। गेहूं पर पालीथिन तक नहीं डाली गई है।


http://in.jagran.yahoo.com/news/business/general/1_12_6579790.html


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