विकास की पूरी बहस आर्थिक विकास के इर्द-गिर्द सीमित हो गई है. आख़िर इस आर्थिक विकास ने हमें एक ऐसी चमक दी है, जो हमारी आंखों में पड़ती है और फिर हमें असमानता दिखाई देना बंद हो जाती है. वर्तमान विकास मिथ्या सकारात्मकता का सबसे ज़्यादा निर्माण करती है. वर्ष 2018 की फोर्ब्स की रिपोर्ट (जो केवल दुनिया के अमीरों के काम, जीवन शैली और कमाई पर अध्ययन-प्रकाशन करती है) के...
More »SEARCH RESULT
राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश
भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...
More »आमदनी की गांरटी : सरकार की इच्छाशक्ति से ही संभव, जानें क्या है न्यूनतम आय गारंटी योजना व यूबीआइ?
प्रो अरुण कुमार अर्थशास्त्री इस समय सारा देश गांधीजी की 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है. गांधी ने कहा था कि अंतिम व्यक्ति की तरफ हमें ध्यान देना चाहिए. इस ऐतबार से यह एक उपयुक्त समय है राहुल गांधी के उस बयान के संदर्भ में कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो वह गरीबों के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना लायेगी. यह एक दार्शनिक बात हो गयी कि कोई...
More »भारत के 9 अमीरों के पास है 50 फीसदी आबादी के बराबर संपत्ति: रिपोर्ट
दावोस: भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में 2018 में प्रतिदिन 2,200 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. इस दौरान, देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 50 प्रतिशत गरीब आबादी की संपत्ति में महज तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ऑक्सफैम ने अपने अध्ययन में यह बात कही. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के शीर्ष नौ अमीरों की संपत्ति पचास प्रतिशत गरीब...
More »गरीब बदनसीब के आंसुओं से परेशां - गोपालकृष्ण गांधी
कोई तीस साल हुए। शायद उससे भी कुछ ज्यादा। दिल्ली से मैं रेलगाड़ी में जा रहा था। कहां जा रहा था, यह याद नहीं। पर सफर साफ याद है मुझे, जैसे कि कल नहीं आज हुआ हो। क्यूं? क्या हुआ था उस सफर में जो कि भुलाया ना जाए? कोई हादसा? कोई तिलस्मी अनुभव? किसी ऋषि-मुनि का, संयोग से, जीवन बदल देने वाला दर्शन? नहीं, ऐसा कुछ नहीं! एक गाना। सिर्फ,...
More »