आधार इसलिए बनाया गया था, ताकि तमाम लोगों को एक अद्वितीय व डिजिटल पहचान दी जा सके। मगर आज खुद आधार की पहचान सवालों के घेरे में है। ऐसे कई लोग हैं, जो यह बताते नहीं थकते कि आधार एक बचत योजना है। अपने तर्कों में वे इसे एक अप्रभावी बचत योजना भी कहते हैं। चूंकि आधार-निर्माण की प्रक्रिया में मैं भी शामिल रहा हूं, इसलिए यह दावे से कह...
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पाठक संख्या की मीनारें-- विनय जायसवाल
भारतीय पाठक सर्वेक्षण के ताजा आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से लगातार ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि टेलीविजन के बाद आॅनलाइन मीडिया और अब सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव की वजह से अखबारों की पाठक संख्या में तेजी से गिरावट आएगी, लेकिन इस सर्वेक्षण से साफ है कि भारत में अखबारों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। 2014 में अखबार के पाठकों की संख्या...
More »प्राथमिक शिक्षा की दुश्वारियां-- सुधीर कुमार
एनुअल स्टेटस आॅफ एजुकेशन रिपोर्ट (‘असर'), ग्रामीण भारत के स्कूलों में बच्चों के नामांकन और उनकी शैक्षणिक प्रगति पर किया जाने वाला देश का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण है। स्वयंसेवी संस्था ‘प्रथम' के सहयोग से जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं के जरिए इस बार देश के चौबीस राज्यों के अट्ठाईस जिलों में चौदह से अठारह वर्ष के किशोरों के बीच कराए गए सर्वेक्षण की बारहवीं रिपोर्ट से...
More »आधार पर निराधार हैं आपत्तियां - रविशंकर प्रसाद
देश की विकास यात्रा में आधार क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह बिचौलियों व भ्रष्टाचार को खत्म कर गरीबों तक उनका हक पहुंचा रहा है। डिजिटल समावेशन व डिजिटल सशक्तीकरण डिजिटल इंडिया के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिन्हें हासिल करने में आधार अहम भूमिका निभा रहा है। यह सुरक्षित होने के साथ-साथ डिजिटल इंडिया के परिवर्तनकारी व समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक किफायती और सशक्त माध्यम...
More »किताबों से दूर जाती पीढ़ी-- हरिवंश चतुर्वेदी
वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा नजदीक है, जिस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा के साथ पुस्तकों व कलम की भी पूजा होती है। नए वर्ष के आगमन के साथ पुस्तक मेलों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले का समापन हो चुका है। अगले दो-तीन महीनों में कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पटना और भुवनेश्वर जैसे महानगरों में होने वाले पुस्तक मेलों में...
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