-आउटलुक, ब्रायलर, चिकन से कोरोना वायरस फैलने की अफवाहों के कारण पोल्ट्री उद्योग करीब एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। पोल्ट्री किसानों को तो नुकसान हो ही रहा है, उद्योग से जुड़े लोगों की आजीविका पर भी संकट छा गया है। इसलिए विशेषज्ञ सरकार से आगे आने और जरूरी कदम उठाने की बात कर रहे हैं। कृषि अर्थशास्त्री और पोल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया के एडवायजर विजय सरदाना ने...
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बीमार इकोनॉमी को नहीं मिली दवा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिरती इकोनॉमी रफ्तार, बढ़ती बेरोजगारी के साए में 2020-21 का बजट पेश किया और दावा यह है कि यह बजट न केवल इकोनॉमी को बूस्ट देगा बल्कि “यह आकांक्षी भारत, मजबूत अर्थव्यवस्था और हितैषी समाज” के लक्ष्यों पर खरा उतरेगा। वित्त मंत्री के दावे और हकीकत में कितना फासला है, आउटलुक ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों से एक पैनल चर्चा के जरिए बजट पर उनकी...
More »संकट में कर्नाटक के कॉफी किसान, बाढ़, सूखे से परेशान होकर बागान बेच रहे या आत्महत्या कर रहे
इस कड़ाके की ठंड में हमें गरमा-गरम कॉफी खूब भाती है। इसके लिए हम किसी रेंस्त्रा या कॉफी हाउस में 200-400 रुपए बड़ी आसानी से खर्च भी कर देते हैं, लेकिन क्या कभी कॉफी पीते समय हमने कॉफी की खेती करने वाले किसानों के बारे में सोचा है ? शायद आपका जवाब ना में ही आये। तो आपको बता दूं कि देश के सबसे बड़े कॉफी उत्पादक प्रदेश कर्नाटक के...
More »महंगाई वाली मंदी
महंगाई झेलना चाहते हैं या मंदी? अपनी तकलीफ चुन लीजिए. फिलहाल तो दोनों ही बढ़ने वाली हैं. रिजर्व बैंक के अनुसार, अगले तीन माह में जेबतराश महंगाई बढ़ेगी. और इस साल की दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसद इस ढलान का अंतिम छोर नहीं है. अगले छह माह में मंदी गहराएगी. इस साल पांच फीसद की विकास दर भी नामुमकिन है. बचत, खपत और निवेश में कमी से बनी यह मंदी...
More »वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फसल चक्र बदलने की जरूरत
हाल के समय में उत्तर भारत और विशेषकर दिल्ली एनसीआर वायु प्रदूषण की चपेट में है। अक्टूबर-नवंबर में हवा की गुणवत्ता न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों में इसका बड़ा कारण पराली ( धान फसल के ठंडल) जलाना बताया गया है, और इससे दिल्ली और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फारकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) की वेबसाइट...
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