किसी भी शख्स को रोटी, कपड़ा और मकान सहित अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। अधिकतर लोग पैसे कमाने के लिए रोजी करते हैं। लेकिन क्या आप ऐसी नौकरी करेंगे जहां आपको मजदूरी ही ना मिले? हमने पिछले न्यूज अलर्ट में ऐसे लोगों की पड़ताल की थी, जिन्हें किसी भी प्रकार का वेतन नहीं मिलता था। इस न्यूज़ अलर्ट में, महामारी के समय में,...
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जीएम सरसों से तिलहन में आत्मनिर्भरता की दरकार
गाँव कनेक्शन, 3 नवम्बर देश में तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए अब जीएम सरसों की खेती होगी। भारत की जेनेटिक इंजीनियरिंग ऑपरेशन कमेटी (जीईएसी) ने जेनेटिकली मॉडिफायड (जीएम) सरसों की नई किस्म डीएमएच 11 को क्षेत्र परीक्षण के लिए जारी कर दिया गया है। पिछले अनुभवों के आधार पर देखा जाये तो भारत में अब तक जीएम फसल के रूप में सिर्फ बीटी कॉटन को ही अनुमति दी...
More »किसानों ने सहकारी समिति के सामने किया हंगामा, कृषि पर्यवेक्षक की मौजूदगी में बांटा यूरिया
दैनिक भास्कर, 01 नवम्बर टोंक के पीपलू उपखंड क्षेत्र के डोडवाडी में ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा यूरिया उर्वरक के साथ नैनो यूरिया देने को लेकर किसानों ने हंगामा किया। किसान गोपीलाल जाट के नेतृत्व में किसानों ने नैनो यूरिया लेने से मना कर दिया। किसानों यूरिया लेने की मांग को लेकर सहकारी समिति के सामने धरने पर बैठ गए। किसानों के हंगामे की सूचना पर कृषि पर्यवेक्षक लखन सैनी मौके पर...
More »दुनिया भर में कृषि में उपयोग होने वाले फास्फोरस में 70 से 80 फीसदी सुधार की जरूरत
डाउन टू अर्थ, 26 अक्टूबर शोधकर्ताओं ने खेतों में फास्फोरस बजट की मात्रा निर्धारित करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन जारी किया है। यह खाद्य उत्पादन तथा विभिन्न क्षेत्रों में पोषक तत्व प्रबंधन में कमी की पहचान करने में मदद करेगा। यह नया डेटाबेस अलग-अलग देशों और क्षेत्रों को फास्फोरस से होने वाले प्रदूषण और इसकी कमी की चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा। साथ ही, यह विभिन्न देशों के फास्फोरस...
More »जलवायु परिवर्तन, पानी में खारापन, मासिक धर्म की समस्याएं: कैसे तमाम बाधाओं से जूझ रहीं हैं सुंदरवन की महिलाएं
दिप्रिंट, 18 सितम्बर जलवायु परिवर्तन ने पश्चिम बंगाल के सुंदरवन क्षेत्र में पानी को खारा कर दिया है, जिससे कृषि अव्यवहारिक हो गई है और लोगों को मछली पकड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यहां दलदली भूमि क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए, यह बदलाव न केवल आजीविका से संबंधित है, बल्कि वे अपने जीवन पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों से भी जूझ रही हैं. खेतों के पोषण को...
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