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भारत में 0.5 फीसदी से भी कम वाहन हैं इलेक्ट्रिक, प्रदूषण से त्रस्त होने के बावजूद क्यों नहीं अपना रहे लोग

डाउन टू अर्थ, 19 अगस्त इस समय भारत की सड़कों पर 13.3 लाख इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं, जोकि देश में कुल वाहनों का केवल 0.48 फीसदी ही हैं। यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा लोकसभा में दिए एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है।    जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन हैं जिनकी कुल संख्या 337,180 हैं। इसके बाद दिल्ली में...

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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बिलक़ीस मामला: पीड़ितों ने रिहाई पर हैरानी जताई, रेप के दोषियों का मिठाई खिलाकर स्वागत

द वायर, 16 अगस्त गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत 2002 में हुए बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनकी बच्ची समेत परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों की रिहाई की मंजूरी दी, जिसके बाद सोमवार को गोधरा उप-कारागार से इन्हें रिहा कर दिया गया. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में बलात्कार और हत्या के दोषी ठहराए गए इन...

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जल्द पहचान, टीका, साफ-सफाई – भारत के मिल्क कैपिटल में क्यों कम देखे गए लंपी स्किन रोग के मामले

दिप्रिंट ,15 अगस्त गुजरात और राजस्थान में बड़े पैमाने पर फैले लंपी स्किन रोग ने हजारों मवेशियों को अपनी चपेट में ले लिया है. लेकिन फिर भी भारत की दुग्ध उत्पादन की राजधानी कहे जाने वाले और भारत के सबसे बड़े डेयरी ब्रांड ‘अमूल’ के घर आणंद में इसका प्रभाव काफी कम रहा है. गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (गुजरात कोआपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन-जीसीएमएमएफ) – जो भारत का सबसे पुराना और सबसे...

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पानी और साफ-सफाई

खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...

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