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मवेशी अर्थव्यवस्था पर असर-- रिचर्ड महापात्रा

पशु मंडियों से मवेशियों की खरीद-फरोख्त के बाद मांस के लिए उन्हें काटे जाने को लेकर केंद्र सरकार ने नये नियम बनाये हैं. मद्रास हाइकोर्ट ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गयी है. नियम-कानून होने चाहिए, लेकिन सवाल यह है कि नये कानून से मवेशी अर्थव्यवस्था (लाइवस्टॉक इकोनॉमी) पर क्या असर पड़ेगा? इसे समझना होगा, क्योंकि यह सच...

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पानीदार टेढ़ा पद्धति-- बाबा मायाराम

मौसम बदलाव के इस दौर में पानी का संकट एक बड़ी समस्या है, ऐसे में मुझे याद आती है छत्तीसगढ़ की टेड़ा पद्धति, जिसमें न केवल जरूरत के मुताबिक पानी निकाला जाता है, बल्कि इसमें पानी की आपूर्ति सतत् बनी रहती है, यह श्रम आधारित पद्धति है और किफायत से पानी खर्चने पर टिकी है.     छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले का एक है गांव चराईखेड़ा। वह उरांव आदिवासियों का गांव है। उनकी...

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क्यों न नर्मदा को जीवित इंसान का कानूनी दर्जा दिया जाए : हाईकोर्ट

जबलपुर, नईदुनिया न्यूज। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि क्यों न नर्मदा नदी को जीवित इंसान का कानूनी दर्जा दिया जाए। इस बारे में राज्य शासन से विधिवत निर्देश लेकर सूचित करने की जिम्मेदारी महाधिवक्ता रवीश चन्द्र अग्रवाल को सौंपी गई है। कोर्ट ने इसके लिए सरकार को 6 हफ्ते का समय दिया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश नर्मदा नदी को जीवित नागरिक जैसा दर्जा देने के...

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वर्दी सुलगाकर थाली में दाल-सब्जी करते हैं फ्राई

रायपुर, ब्यूरो। सेंट्रल जेल का खाना फिर से खराब बनने लगा है। भात के नाम पर लेई और पानी जैसी दाल परोसी जाती है। सब्जी भी स्वादहीन मिलती है। खाने को टेस्टी बनाने का जुगाड़ बंदियों के पास है। हाथ-पैर में लगाने के लिए सरसों तेल मिलता है, उससे दाल और सब्जी को फ्राई करते हैं। आग जलाने के लिए कील को फर्श पर रगड़ने पर निकलने वाली चिंगारी से वर्दी...

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जातीय संरचना, अहिंसा और अंबेडकर-- अजमेर सिंह काजल

आधुनिक काल में ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर ने शासन, सत्ता और संस्कृति के विभिन्न केंद्रों में मौजूद जातीय सैद्धांतिकी को चुनौती देकर ऐतिहासिक कार्य किया। सामाजिक समानता का जो अहसास बाबा साहेब आंबेडकर को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ते हुए हुआ, वह हमारे लोकजीवन में कहीं नहीं था। इसलिए शिक्षा प्राप्ति के बाद भारत वापस आने पर उन्होंने इसी लोक जीवन में व्याप्त सदियों पुरानी बीमारियों...

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