आखिर कोई कितना इंतजार करता! देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ‘सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं.' मगर, आजादी से लेकर कृषि को इंतजार करते-करते अब सात दशक होने जा रहे हैं. वह अब भी भगवान भरोसे है. इंद्रदेव नाराज, तो सूखे की त्रासदी और खुश तो बहुत बड़े इलाके में बाढ़ की तबाही. जिनके बरदाश्त करने की हद चुक जाती है, वे इस...
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पचास साल में बंजर हो जाएगी रीवा जिले की धरती!
रीवा। ब्यूरो। आने वाले पचास साल में जिले की उपजाऊ धरती बंजर हो सकती है। इस तथ्य का खुलासा हाल ही में प्रयोगशाला में हुई मिट्टी की जांच से हुआ है। जांच में पता चला है कि मिट्टी में जिंक की कमी के साथ लगातार नाइट्रोजन फॉसफोरस, पोटास की अधिकता बनी हुई है। मिट्टी जांच प्रयोगशाला के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का दावा है कि इसी तरह यदि जिंक की...
More »देश में धान की 42 नई किस्में, छत्तीसगढ़ सहित अनेक राज्यों को फायदा
रायपुर (निप्र)। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को '51वीं वार्षिक धान अनुसंधान समूह बैठक' का समापन हुआ। इससे पहले तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में देश-दुनिया के सैकड़ों धान अनुसंधान वैज्ञानिकों ने धान की पैदावर बढ़ाने, सुंगधित, जैविक खाद की बढ़ोतरी और पोषकता की मात्रा को बढ़ाए जाने व कम पानी से धान की खेती संबंधित अनेक विषयों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले साल समूह...
More »इंडिया नहीं, भारत का बजट-- अनुपम त्रिवेदी
मोदी सरकार के तीसरे बजट पर मध्यम-वर्ग की प्रतिक्रिया तीखी रही है. न आयकर छूट की सीमा में बढ़ोत्तरी हुई, न बढ़ते दामों से राहत मिली, बल्कि सेवाकर में बढ़ोत्तरी ने एनडीए सरकार के सबसे बड़े समर्थक मिडिल क्लास को जैसे विपक्षी दलों के साथ ले जाकर खड़ा कर दिया है. महंगी कारें, महंगा सोना, महंगे होटल और कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ) की निकासी पर लगाये गये कर से चमकती...
More »मौसम की मार से निपटने के उपाय करे सरकार
बजट में किसान कई बातों के अलावा मौसम की मार से बचाव के उपाय भी चाहता है। वह बेहतर मौसम अनुमान, फसलों की समय से क्षतिपूर्ति, सीधी सब्सिडी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती की उम्मीदें रखता है। जानकार भी कहते हैं कि सरकार कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में भरपूर निवेश करे ताकि सूखे में स्थितियां नियंत्रण में बनी रहें। एक नजर- बजट 2016-17: क्या हैं उम्मीदें नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो किसानों...
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