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प्रदेश में तीन हजार गांव बनेंगे ऊर्जा संपन्न

भोपाल। मध्यप्रदेश के जनजातीय अंचलों के तीन हजार गांवों को उूर्जा संपन्न गांव के तौर पर विकसित किया जाएगा। परियोजना समंवयक एल एम बेलवाल ने बताया कि जनजातीय बहुल गांवों में गैर पारंपरिक उूर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि धार, झाबुआ, बडवानी, आलीराजपुर, शयोपुर, मण्डला, डिण्डौरी, अनूपपुर और शहडोल जिलों के तीन हजार गांवों में मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत लगभग ढ़ाई हजार...

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कुपोषण ने लील लिए 43 नौनिहाल

झाबुआझाबुआ के आधा दर्जन गांवों में कुपोषण व बीमारियों से तीन माह में हुई 43 बच्चों की मौत ने झाबुआ से लेकर दिल्ली तक कोहराम मचा दिया है। प्रशासन व प्रदेश सरकार जहां इन मौतों से पल्ला झाड़ एक सिरे से नकार रही है। वहीं यह मामला यूनिसेफ व संयुक्त राष्ट्र संघ में गूंजने से केन्द्र सरकार भी सतर्क हो गई है। यही कारण है कि आनन-फानन में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री कृष्णा...

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एएचआरसी- मध्यप्रदेश में २८ आदिवासी बच्चों की कुपोषण से मौत

एशियन ह्यूमन राइटस् कमीशन(एएचआरसी) की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मध्यप्रदेश में 28 बच्चों ने कुपोषण के दुष्चक्र में दम तोड़ दिया है। एएचआरसी के अनुसार पीडित बच्चों के परिवार सरकारी योजनाओं के तहत भोजन और स्वास्थ्य के मद में फिलहाल दी जा रही सहायता से भी वंचित हैं। एएचआरसी ने अपनी सूचना का आधार मध्यप्रदेश की एक संस्था लोक संघर्षमंच और सूबे में चलने वाले भोजन के अधिकार अभियान की एक...

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कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे

झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...

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स्वयं सहायता समूहों ने छीना बच्चों का निवाला

झाबुआ/भोपाल। आदिवासी अंचल झाबुआ जिले की अधिकांश स्कूलों से बच्चे भूखे लौट रहे हैं। उन्हें स्वयं सहायता समूहों की गड़बड़ियों के चलते भूखा लौटना पड़ रहा है। गांव के स्वयं सहायता समूहों पर दबंगों का कब्जा है और मध्याह्नं भोजन योजना दबंगों के मकड़जाल में उलझ कर रह गई है। मध्याह्नं भोजन में विसंगति में नया तथ्य यह है कि जो शिक्षक मध्याह्नं भोजन न मिलने का या अमानक भोजन...

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