बैंकों के जरिये "राजनीति" करना कोई मोदी सरकार से सीखे। पहले हर घर में एक बैंक खाता और उसके बाद छोटे उद्यमियों को कर्ज देने की स्कीम लागू करने के बाद बैंकों के माध्यम से सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रही है। देश में महिला उद्यमियों की संख्या काफी कम होने और देश के कुल कर्जदारों में महिलाओं की बेहद कम संख्या को देखते...
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शहरीकरण से दूर होगी गरीबी?-- अनुपम त्रिवेदी
पिछले महीने पुणे में स्मार्ट सिटी परियोजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरीकरण को समस्या नहीं, बल्कि गरीबी दूर करने का एक अवसर माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि किसी में गरीबी कम करने की क्षमता है, तो वह हमारे शहर हैं, क्योंकि वहां काम के अवसर हैं. यही वजह है कि गरीब गांवों से निकल कर शहरों में जाते हैं. लेकिन, क्या यह सच...
More »7000 की आबादी का गांव तीन दिन से नर्मदा के पानी से कैद
अम्बुज माहेश्वरी, रायसेन। रायसेन जिले में सबसे अधिक आबादी वाला गांव भारकच्छ कलां बीते तीन दिनों से नर्मदा नदी में बढे जल स्तर के कारण पानी में कैद है। जिले के इस सबसे बड़े गांव से बाहर निकलने के सभी रास्ते बंद है और लोग नर्मदा नदी में अब भी बढ़ रहे जल स्तर से चिंतित है। गांव से लगी नर्मदा उफान पर आती जा रही है और इससे बकतरा, बरेली,...
More »शहरीकरण की विसंगतियां--- रमेश कुमार दूबे
शहरीकरण को लेकर सरकार का नजरिया यह है कि इस पर सियापा करने के बजाय इसे मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। उसके मुताबिक शहरों में गरीबी दूर करने की ताकत होती है और हमें इस ताकत को और आगे बढ़ाना चाहिए ताकि आर्थिक समृद्धि का स्वत: प्रसार हो। सुख-सुविधाओं की मौजूदगी के चलते शहर सदा से मनुष्य के आकर्षण के केंद्र रहे हैं। आज की तारीख में तो ये...
More »इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट--- 'वंचित भारत की एक तस्वीर'
क्या कभी आपने सोचा कि देश के शहरों में झुग्गी बस्तियां कितनी हैं, उनमें रहने वाले कौन हैं और झुग्गी-बस्तियों में इनका रहना जीना कैसा है ?अगर नहीं, तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए! देश में तकरीबन साढ़े तैंतीस हजार झुग्गी-बस्तियों होने के अनुमान हैं, महज एक दशक यानी 2001 से 2011 के बीच झुग्गी-बस्तियों में दलित आबादी में 31 फीसद का इजाफा हुआ है. कुछ राज्यों की झुग्गी-बस्तियों की...
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